बलरामपुर,17सितम्बर। जिले में हाथी और ग्रामीण के बीच संघर्ष लगातार बढ़ता जा रहा है। राजपुर वन परिक्षेत्र के ग्राम पंचायत अलखडीहा,कौडू,माकड़ और जिगड़ी में लगभग 30 हाथियों का दल पिछले 15 दिनों से डेरा डाले हुए हैं
बलरामपुर: terror of elephants बलरामपुर जिले में हाथी और ग्रामीण के बीच संघर्ष लगातार बढ़ता जा रहा है। राजपुर वन परिक्षेत्र के ग्राम पंचायत अलखडीहा,कौडू,माकड़ और जिगड़ी में लगभग 30 हाथियों का दल पिछले 15 दिनों से डेरा डाले हुए हैं हाथियों से परेशान होकर 6 गांव के सरपंच और ग्रामीणों ने एसडीएम को ज्ञापन सौंपकर हाथियों को खदेड़े जाने की मांग की है और अगर हाथी भगाए नहीं जाते हैं तो उन्होंने आंदोलन की चेतावनी दी है। क्षेत्र में कम बरसात होने के बाद भी ग्रामीणों ने किसी तरह धान और मक्के की फसल लगाई है और अब फसल जैसे-जैसे बढ़ रहा है हाथी उसे नुकसान पहुंचा रहे हैं।
वन विभाग पर काम ना करने का आरोप
लगभग 30 हाथियों का दल पिछले 15 दिनों में ऐसे इलाके में 30 हेक्टेयर से अधिक फसलों को नुकसान पहुंचा दिया है। हाथियों के गांव के करीब आने से ग्रामीण रतजगा करने को मजबूर है और अपने छोटे-छोटे बच्चों को घर छोड़कर या तो पेड़ के नीचे सुला रहे हैं या फिर रात भर जाग रहे हैं। ग्रामीणों ने वन विभाग की टीम ठीक से काम नहीं करने का आरोप लगाया है और उन्होंने कहा कि हर साल हाथी आते हैं और एक-दो दिन में चले जाते हैं लेकिन इस बार हाथी कई दिनों से डेरा जमाए हुए हैं और फारेस्ट की टीम उन्हें भगाने में असफल है और कोई बेहतर कोशिश भी नहीं की जा रही है।
ग्रामीण और जनपद सदस्य ने कही ये बात
इसीलिए 6 गांव के सरपंच और ग्रामीणों ने राजपुर एसडीएम को ज्ञापन सौंपकर बेहतर कोशिश कराने की मांग की है और अगर 4 दिनों के भीतर वन विभाग की टीम हाथियों को उस इलाके से दूसरी जगह शिफ्ट नहीं कर पाती है तो ग्रामीणों ने आंदोलन की चेतावनी दी है। गांव के निवासी देवकुमार ने कहा कि हाथी के कारण हम लोग रात भर जाग रहे हैं पूरा फसलों को नुकसान पहुंचा दिया है छोटे-छोटे बच्चों को पेड़ के नीचे सुला रहे हैं। वहीं जनपद सदस्य नीरज तिवारी ने कहा कि हाथी हर साल आते हैं और एक-दो दिन में चले जाते हैं लेकिन इस बार हाथी एक ही जगह पर टिके हुए हैं फर्श की टीम बेहतर काम नहीं कर रही है।
[metaslider id="347522"]