सोंढूर नहर के लाइनिंग निर्माण के कार्य में अनियमितता

धमतरी, 17 सितंबर। वनांचल ब्लाक नगरी के सोंढूर नहर के लाइनिंग निर्माण के काम में जल संसाधन विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से जमकर बरती जा रही है। गुणवत्ता पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। किसानों ने जिला प्रशासन से गुणवत्ताहीन निर्माण कार्य को तोड़कर फिर से बनाने की मांग की है।वनांचनल में 6.995 टीएमसी क्षमता का साेंढूर बांध स्थित है। यहां से निकली नहर में पानी की कम क्षमता के चलते सिंचाई के लिए किसानों को पानी नहीं मिल पाता। इसके चलते आम किसानों को सिंचाई का लाभ देने शासन द्वारा करोडों की लागत से नहर लाइनिंग का कार्य ठेके पर करवाया जा रहा है। गुणवत्तापूर्ण निर्माण कार्य करवाने की जिम्मेदारी जल संसाधन विभाग के अधिकारियों की है। लेकिन यहां कतिपय अधिकारियों की मिलीभगत से जमकर अनियमितता बरती जा रही है।

ग्रामीणों ने बताया कि विभिन्न मांगों को लेकर अन्य विभाग के साथ जलसंसाधन विभाग के अधिकारी-कर्मचारी हड़ताल पर थे। उसी समय ठेकेदार ने बिना मशीन के ही मजदूरों के माध्यम से काम चलाऊ नहर लाइनिंग का कार्य करवा दिया। हाथो से व लकड़ा के पाटा से ही उपरी हिस्से को बराबर कर दिया गया। दिखाने के लिए मशीन से हुए निर्माण जैसे आकार दे दिया गया है। नीचे की नींव बनने से पहले ही जर्जर हो गई, जिसे लाइनिंग करते समय बराबर कर दिया गया। क्षेत्र के किसानों ने इस निर्माण की जांच कर दोषियों पर कार्रवाई करने और गुणवत्ताहीन निर्माण को तोड़कर पुन: बनाने की मांग की है।

क्षेत्र के किसानों का कहना है पुरानी टूटी हुई लाइनिंग की मरम्मत के साथ नहर में जमी हुई मिट्टी और कचरा की सफाई कर करना है। नहर के रास्ते की भी मरम्मत कर उसे चलने योग्य बनाना है। आज तक न नहर की सफाई हुई और न ही रास्ता चलने योग्य बनाया गया। नहर में जंगल के अंदर एक नये पुल का निर्माण हुआ है, जहां गाडि़यों का भी आवागमन नहीं होता। इसके बावजूद भी बारिश के पानी से ही पुल एक तरफ धंस गया है, इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि निर्माण किेस तरह से किया गया है। रानीगांव माइनर पांच में टेड़गी नाला में पानी बहाव से गांव का धार्मिक स्थल कटाव की भेंट चढ़ गया। अब कटाव मुख्य मार्ग तक पहुंच चुका है। इस कटाव की मरम्मत के लिए ग्रामीणों ने जलसंसाधन विभाग से कई बार मांग की, लेकिन अधिकारियों के कानों में जूं तक नहीं रेंग रही है।

नगरी ब्लाक के सरपंच संघ के अध्यक्ष राजू सोम व सर्व आदिवासी ब्लाक अध्यक्ष उमेश देव का आरोप है कि जल संसाधन विभाग के अधिकारी अपने कर्तव्यों पर ध्यान नहीं दे रहे हैं। अधिकारियों की ही मिलीभगत से गुणवत्ताहीन निर्माण कार्य हो रहा है। इसका हर्जाना किसानों को भुगतना पड रहा है। ग्राम रतावा मे मेन केनाल टूट गया। इसकी मरम्मत के लिए बड़ी संख्या में किसानों ने जल संसाधन विभाग से मांग की। विभाग ने मरम्मत नहीं करवाई तो किसानों ने खुद श्रमदान नहर मरम्मत कर दिया। वनांचल में आज भी ऐसी कई नहरें हैं, जिसकी किसान खुद मरम्मत कर अपने खेतों की सिंचाई कर रहे हैं। इस संबंध में जल संसाधन विभाग के ईई एके पालडिया का कहना है कि मैं अभी कार्यक्रम में हूं। बाद में बात करता हूं।