“प्रदर्शनी लगाकर दी गई पोषण आहार की जानकारी”

रायपुर ,16 सितम्बर। धरसीवाँ परियोजना के तहत मांढ़र सेक्टर की 9 आंगनबाड़ी केंद्रों ने एकीकृत होकर रेडी टू ईट से व्यंजन बनाकर प्रदर्शनी का आयोजन किया । इस प्रदर्शनी का आयोजन बच्चों को नियमित रूप से पोषण आहार खिलाने के लिए किया गया था। ताकि बच्चों का शारीरिक और मानसिक विकास अच्छे से हो सके और सुपोषित छत्तीसगढ़ का निर्माण हो सके।

इस बारे में उप स्वास्थ्य केंद्र की सुपरवाइजर फुलू वर्मा कहती है: ‘’रेडी टू ईट से कार्यकर्ता और सहायिकाओं ने अनेक प्रकार के भोजन बनाए। जिसमें विशेष रूप से नमकीन, कतरा चिला, खुरमी, लड्डू आदि व्यंजन को बनाया गया था। इस प्रदर्शनी के माध्यम से शिशुवती माताओं, गर्भवती महिलाओं और 1 से 5 वर्ष तक के बच्चों को पोषण आहार नियमित रूप से देना चाहिए के बारे में जानकारी दी गयी ।

कार्यक्रम में केंद्र पर आयी 22 गर्भवती महिलाओं, 25 शिशुवती माताएं और हितग्राहियों को विस्तार से पोषण आहार के विषय में जानकारी दी गई साथ ही शिशुवती माताओं को बच्चे के लिए मां के दूध के महत्त्व के बारे में बताया गया ।  शिशुवती माताओं को यह जानकारी दी गयी कि मां के दूध से बच्चे को जो पौष्टिक गुण मिलते हैं, वह किसी भी भोजन में मौजूद नहीं होते हैं।

इस अवसर पर मीना साहू, मालती गोस्वामी, चित्रलेखा गोस्वामी, नारायणी मिश्रा, महेश्वरी दिव्या वर्मा, एवं फूलों वर्मा ने आए हुए हितग्राहियों को जानकारी प्रदान की और भोजन बनाने के बारे में भी बताया । कार्यक्रम में महिला एवं बाल विकास विभाग, स्वास्थ्य विभाग, शिक्षा विभाग और स्थानीय जनप्रतिनिधियों का सहयोग रहा।

यह बना व्यंजन

नमकीन, कतरा, चिला, खुरमी, लड्डू, इडली, बरा, चीला, बोबर, फरा बनाया गया।

क्या सामग्री होती है रेडी टू ईट में

रेडी-टू-ईट फूड का पैकेट गर्भवती माता धात्री माता 6 माह से लेकर 3 वर्ष तक के बच्चे एवं 3 से 6 वर्ष तक के बच्चों को दिया जाता है 1 महीने  में दो बार इसका वितरण किया जाता है रेडी-टू-ईट फूड में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, फाइबर, विटामिन और खनिज से भरपूर मात्रा में होता है।

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