पूर्व आईटीआई अप्रेंटिस प्रशिक्षुओं की हठधर्मिता, एसईसीएल के कर्मियों को कार्यालय जाने से रोका, सरकारी काम-काज में बाधा

बिलासपुर | बिलासपुर स्थित एसईसीएल मुख्यालय SECL Headquarters में आज कोई काम-काज नहीं हो सका । देश भर में बिजली संकट की चुनौतियों के बीच कोल-डिस्पैच के डिलीवरी ऑर्डर भी जारी नहीं हो सके। इनमें छतीसगढ़ राज्य में स्थित नॉन पावर व लघु एवं मध्यम उद्योगों को प्रदाय किए जाना वाला कोयला शामिल है। उत्पादन, डिस्पैच, मशीनीकरण से जुड़े टेंडरों/कॉंट्रैक्ट अवार्ड का काम ठप्प रहा वहीं सामग्री प्रबंधन विभाग आज कोई क्रय आदेश जारी नहीं कर सका । कुछ कार्य जिनकी डेडलाइन आज थी, से जुड़े अधिकारी-कर्मचारी देर शाम तक मुख्यालय के बाहर इंतज़ार करते रहे किंतु पूर्व अप्रेंटिस प्रशिक्षु गेट को जाम कर बैठे रहे तथा किसी को कार्यालय नहीं जाने दिया गया ।

विदित हो कि एसईसीएलSECL Headquarters प्रबंधन द्वारा पिछले लगभग ढाई महीने में पाँच बार पूर्व आईटीआई अप्रेंटिस प्रशिक्षुओं से बात की गई है जिसके अंतर्गत गत पाँच अगस्त को सीएमडी एसईसीएल डॉ प्रेम सागर मिश्रा ने स्वयं प्रतिनिधि दल से बात की थी ।

ज्ञात हो कि, हाल हीं में सम्पन्न संसद के मानसून सत्र के दौरान कोयला मंत्री भारत सरकार प्रल्हाद जोशी Coal Minister Government of India Pralhad Joshi ने स्पष्ट कर दिया था कि ट्रेड अप्रेंटिस का नियमितिकरण नहीं किया जा सकता है । अप्रेंटिस एक्ट 1961(यथा संशोधित 2014) में अप्रेंटिस प्राप्त प्रशिक्षुओं को नियमित किए जाने का कोई प्रावधान नहीं है । पूरे देश में सार्वजनिक उपक्रम इस प्रकार के अप्रेंटिस के प्रशिक्षण की व्यवस्था करते हैं और इस सम्बंध में भारत सरकार के नियम स्पष्ट हैं । एसईसीएल में अप्रेंटिस कर चुके छात्रों के यथा लागू सभी देयताओं का भुगतान कर दिया गया है । सीएमडी एसईसीएल से बैठक के पूर्व, अप्रेंटिस छात्र संघ , निदेशक तकनीकी संचालन-सह-कार्मिक के साथ कई दौर की बातचीत कर चुके हैं। माननीय नगर विधायक बिलासपुर भी एक बैठक में उपस्थित रहे हैं ।

एसईसीएल सूत्रों ने जानकारी दी है कि पूर्व आईटीआई प्रशिक्षुओं को नियमित करने सम्बन्धी माँग से जुड़े प्रकरण की सुनवाई डिप्टी चीफ़ लेबर कमिश्नर (सेंट्रल) रायपुर के यहाँ भी चल रही है तथा ऐसे में सुनवाई लम्बित रहते हुए धरना-प्रदर्शन किया जाना अवैधानिक है।

इसी बीच स्थानीय मीडिया की खबरों में बताया गया है कि आज के धरना प्रदर्शन से पूर्व कल पूर्व अप्रेंटिस प्रशिक्षुओं के नेता ऋषि पटेल द्वारा आंदोलन के लिए बिलासपुर आए युवा छात्रों से ‘फ़ोर्म-बी’ भरवाया गया है तथा सहयोग राशि भी ली गई है । श्री ऋषि पटेल ने मीडिया को दिए अपने बयान में स्वीकार किया है कि यह उन्होंने अपनी मर्ज़ी से किया है , ऐसा करने के लिए उन्हें एसईसीएल ने नहीं कहा है ।

इससे पहले विगत 5 अगस्त को मुख्यालय घेराव के दौरान भी काफ़ी समय तक किसी एसईसीएल अधिकारी-कर्मचारी को ऑफ़िस अंदर नहीं जाने दिया गया था । ज्ञात हो कि कम्पनी मुख्यालय एसईसीएल के लगभग 65 खदानों के समुचित संचालन हेतु समन्वय एवं निर्देशन प्रदान करता है। मुख्यालय का संचालन ठप्प होने से कोयले के उत्पादन व डिस्पैच प्रभावित होने की आशा है वहीं अधिकारी कर्मचारी का मनोबल भी टूटा है।