विधिक सेवा में शिविर लोगों को दी गई कानून की जानकारी

अम्बिकापुर ,14 सितम्बर।जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव  अमित जिन्दल के निर्देश में पैरालीगल वालेंटियर स्वाती चौबे द्वारा बुधवार को थाना चौक, अंबिकापुर में विधिक सेवा शिविर का आयोजन किया गया। उन्होंने बताया कि पति या पत्नी बिना किसी युक्तियुक्त कारण के अपने जीवन साथी को छोड़ देता है तो जिस पक्षकार को छोड़ा गया है वह हिन्दू विवाह अधिनियम 1955 की धारा 9 के तहत परिवार न्यायालय में दाम्पत्य अधिकारों के प्रतिस्थापन के लिए याचिका पेश कर सकता है तथा यदि कोई पक्षकार विवाह विच्छेद के लिए याचिका पेश करता है तो हिन्दू विवाह अधिनियम 1955 की धारा 24 के तहत बाद कालीन भरण पोषण का भी प्रावधान है तथा दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 125 में उस महिला को भी भरण पोषण प्राप्त करने का अधिकार है जिसके विवाह का विच्छेद हो गया हो और जिसने पुर्नविवाह नहीं किया हो।

बताया गया कि घरेलू हिंसा में प्रत्यर्थी के कार्य से पीड़िता के स्वास्थ्य, सुरक्षा, जीवन, अंग या चाहे उसकी मानसिक या शारीरिक भलाई की अपहानि या उसे कोई क्षति या ऐसा संकट होता है या उसके साथ अपमान, उपहास, तिरस्कार गाली और विशेष रूप से संतान या नर बालक के न होने के संबंध में अपमान या उपहास किया जाता है या उसे किसी चीज से जिसकी वह विधिपूर्ण रूप से हकदार है उससे वंचित किया जाता है तो उक्त कृत्य घरेलू हिंसा की परिधि में आयेगा। दण्डा प्रक्रिया संहिता की धारा 125 के तहत सिर्फ पत्नि को ही भरण पोषण प्राप्त करने का अधिकार नहीं है बल्कि माता पिता तथा संतान को भी भरण पोषण प्राप्त करने का अधिकार है।