रायगढ़ ,14 सितम्बर। यूं तो शहर में जिला अस्पताल से लेकर मेडिकल कालेज व एमसीएच अस्पताल शुरू हो गया है, लेकिन इन अस्पतालों में कर्मचारियों की कमी के चलते यहां आने वाले मरीजों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। वहीं रात के समय अगर किसी मरीज की तबीयत गंभीर होती है तो ड्यूटी पर डाक्टर नहीं होने से काफी दिक्कत होती है।
शहर के जिला अस्पताल हो या मेडिकल कालेज अस्पताल सभी जगह आधे से कम स्टाफ के साथ इन अस्पतालों को संचालित किया जा रहा है। जिससे इन अस्पतालों में हमेशा मरीजों की लाईन लगी रहती है, लेकिन इनकी देख-रेख करने के लिए न तो डाक्टर पर्याप्त मात्रा में है और न ही कर्मचारी, जिससे मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। कई बार तो ऐसी स्थिति बनती है जब मरीज एमसीएच जाते हैं तो डाक्टर नहीं होने के कारण उसे तत्काल मेडिकल कालेज रेफर कर दिया जाता है, लेकिन जब मरीज मेडिकल कालेज पहुंचते हैं तो यहां भी भर्ती करने के बजाय फिर से एमसीएच भेज दिया जाता है, जिससे यहां-वहां के चक्कर में कई बार मरीजों के जान पर भी बन आती है। हालांकि इसकी जानकारी स्वास्थ्य विभाग के सभी अधिकारियों को है, लेकिन इसके बाद भी किसी प्रकार की व्यवस्था में सुधार नहीं होता है। जिससे मरीज व परिजन दोनों को परेशानी का सामना करना पड़ता है।
गौरतलब हो कि जिले में मेडिकल कालेज अस्पताल शुरू होने के बाद रायगढ़ जिला सहित पड़ोसी जिला व ओडिशा प्रांत के लोगों को भी काफी उम्मीद थी, जिसके चलते लोग बेहतर उपचार के लालशा लेकर यहां हर रोज पहुुंचते हैं, लेकिन यहां आने के बाद कुछ मरीजों को तो भर्ती कर लिया जाता है, लेकिन भर्ती होने के बाद दिन के समय तो जैसे-तैसे इनका देख-रेख हो जाता है, लेकिन रात होते ही न तो यहां डाक्टर मिलते हैं और न ही स्वास्थ्य कर्मचारी, जिसके चलते मरीजों की तबीयत बिगडऩे पर परिजनों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। वहीं जब इसकी शिकातय होती है तो यह कहकर टाल दिया जाता है कि स्टाफ की कमी है, जिसके चलते दिक्कत हो रही है।
एमसीएच का भी हाल बेहाल
राज्य शासन द्वारा गर्भवती माताओं व बच्चों के बेहतर उपचार के लिए मदर एण्ड चाइल्ड अस्पताल शुरू किया गया है, जिससे यहां हर दिन बड़ी संख्या में जिलेभर से मरीज पहुंचते हैं, लेकिन इस 100 बिस्तर अस्पताल में भी न तो पर्याप्त मात्रा में डाक्टर है और न ही कर्मचारी, जिसके चलते रात के समय पहुंचने वाले मरीजों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। साथ ही यहां रात के समय न तो डाक्टर रहते हैं और न ही कॉल पर बुलाने की सुविधा है, जिससे रात के समय मरीज यहां भगवान भरोसे रहते हैं। इसके बाद भी विभाग की तरफ से किसी भी तरह की व्यवस्था नहीं की जा रही है।
इधर-उधर के चक्कर में मरीजों की जा रही जान
गौरतलब हो कि जिला अस्पताल, एमसीएच व मेडिकल कालेज अस्पताल के बीच इन दिनों मरीज पीस रहे हैं। बताया जाता है कि जब मरीज पहले एमसीएच पहुंचते हैं तो वहां उपचार करने के बजाय तत्काल मेडिकल कालेज रेफर कर दिया जाता है, इस दौरान जब मरीज मेडिकल कालेज आते हैं तो यहां से भी वापस कर देते हैं, जिससे यहां-वहां के चक्कर में कई बार मरीजों की स्थित गंभीर हो जाती है। साथ ही कई बार तो मरीजों की जान भी चली जा रही है, लेकिन स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा जैसे-तैसे कर मामला रफा-दफा कर दिया जा रहा है।
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