गौठानों मे बटेरपालन महिला समूहों के आजीविका का बना साधन

सुकमा, 12 सितम्बर। सुकमा जिले में कुक्कूट पालन योजना अंतर्गत महिला स्व-सहायता समूहों को गौठानों में बटेर पालन योजना से लाभान्वित कर छत्तीसगढ़ शासन की महत्वाकांक्षी नरवा, गरुवा, घुरुवा एवं बाड़ी योजना के तहत आजीविका मूलक विभागीय योजनाओं से जोड़कर आर्थिक रूप से सशक्त व आत्म निर्भर बनाने के लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं।

सुकमा कलेक्टर हरिस एस व सीईओ जिला पंचायत देवनारायण कश्यप के मार्गदर्शन में जिले के छिंदगढ़ विकासखंड के ग्राम चिपुरपाल गौठान में स्थानीय पुष्पा महिला स्व-सहायता समूह को पशुधन विकास विभाग के द्वारा बैकयार्ड कुक्कूट पालन योजना वर्ष 2022-23 के तहत एक माह पूर्व शासकीय कुक्कूट पालन प्रक्षेत्र दुर्ग से परिवहन कर 20 यूनिट बटेर चूजों का दाना सहित वितरण किया गया था। बटेर चूजों के वृद्धि पश्चात रविवार को ग्राम गादीरास के साफ्ताहिक बाजार में महिला समूह के द्वारा स्थानीय जनप्रतिनिधियों सरपंच, वार्ड पंच, पटेल एवं उपसंचालक पशु चिकित्सा विभाग सुकमा तथा पशु चिकित्सालय छिंदगढ़, गादीरास, सुकमा के कर्मचारियों की उपस्थिति मेंं समूह के द्वारा प्रति बटेर 60 रुपये की दर से विक्रय कर शुरुआती चरण में लगभग 5,700 रुपये प्राप्त किया गया। प्रथम दृष्टया बाजार में आये ग्रामीणों के द्वारा बटेर क्रय करने का रुझान देखा गया।

डॉ. एस जहीरुद्दीन उपसंचालक पशु चिकित्सा विभाग ने सोमवार को जानकारी देते हुए बताया कि जिले के चिन्हाकिंत गौठानों में महिला समूह के द्वारा बटेरपालन किया जाएगा तथा बटेर चूजों के बिक्री से प्राप्त राशि को समूह के बैंक खाते में जमा करवाकर भविष्य में उस जमा पैसे से और भी बटेर चूजें शासकीय कुक्कूट फार्म से क्रय कर निरंतर लाभ लिया जाएगा। प्रति समूहों को बटेरपालन से आमदनी के रूप में लगभग 60, हजार रुपयों की प्राप्ति होगी। स्व-सहायता समूहों की महिलाओं को आजीविका मूलक गतिविधियों से जोड़कर गौठानों में ही बैकयार्ड कुक्कूट पालन योजना के अंतर्गत सामूहिक रूप से कम लागत एवं अल्प परिश्रम से बटेरपालन को आजीविका का साधन बनाकर इसे व्यवसाय के रूप में जोड़कर नजदीकी हाट-बाजारों एवं ग्राम में ही विक्रय कर अपनी आजीविका एवं आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाने मे सार्थक सिद्ध होगा।

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