मकान नहीं बिके,हाउसिंग बोर्ड के पास आने वाले एक साल में कोई काम नहीं रह जाएगा


कोरबा,06 सितंबर(वेदांत समाचार)।जिले में 2004 से आवासीय प्रोजेक्ट शुरू करने वाले हाउसिंग बोर्ड housing board के पास आने वाले एक साल में कोई काम नहीं रह जाएगा। क्योंकि विभाग द्वारा यहां किसी भी नए आवासीय परियोजना के लिए प्रयास नहीं किया जा रहा है। क्योंकि राज्य मुख्यालय से पूर्व की बनी कालोनियों के अब तक नहीं बिक पाए मकानों को बेचने का दबाव बना हुआ है।

बताया जाता है कि अन्य शासकीय विभागों के आवासीय प्रोजेक्ट के अलावा जनसामान्य के लिए बनने वाली कालोनियों से हाउसिंग बोर्ड के अधिकारी पीछे हटने लगे हैं। इसका मुख्य कारण पूर्व की कालोनियों के नहीं बिकने वाले मकानों की पेंच फंसना है। हाउसिंग बोर्ड की रामपुर, गोकुलनगर, खरमोरा, दादर को छोड़ दें, तो शेष सभी कालोनियों में बड़ी संख्या में मकानों के खरीदारों की राह विभाग के अधिकारी देख रहे हैं। इस संबंध में हाउसिंग बोर्ड के संपदा अधिकारी एलपी बंजारे के अनुसार नए प्रोजेक्ट के बजाय पुराने प्रोजेक्ट के नहीं बिक पाए मकानों को आफर के माध्यम से बेचने की योजना चल रही है।

उरगा में ही नहीं बिक पाए हैं 27 करोड़ के मकान
अटल बिहारी कालोनी उरगा 5 साल पहले से बनकर तैयार है। लेकिन यहां अब भी एचआईजी, एमआईजी व ईडब्ल्यूएस टाइम के 131 मकान नहीं बिक पाए हैं। इन मकानों के नहीं बिकने से हाउसिंग बोर्ड के 27 करोड़ 34 लाख 8 हजार रुपए फंस गए हैं। जबकि बरबसपुर में 78 लाख 75 हजार के 21 एलआईजी मकान खरीदार नहीं मिलने से खंडहर हो रहे हैं। निर्माणाधीन प्रोजेक्ट झगरहा में केवल 18 एचआईजी जिसकी कीमत 7 करोड़ 96 लाख 86 हजार रुपए है की बुकिंग नहीं हो पाई है। यहां अलग-अलग टाइप के 115 मकानों के खरीदारों का इंतजार है।

एक साल बाद पूरा हो जाएगा झगरहा प्रोजेक्ट
हाउसिंग बोर्ड के अधिकारियों के अनुसार अटल बिहार प्रोजेक्ट झगरहा का निर्माण कार्य अगले एक साल में पूरा हो जाएगा। उसके बाद कोरबा में हाउसिंग बोर्ड के पास नई आवासीय कालोनी बनाने की फिलहाल कोई योजना नहीं है। सिर्फ फोकस पुरानी आवासीय कालोनियों के बच गए मकानों को किसी तरह बेचने पर है। इसके लिए लगातार विभाग की ओर से अॉफर दिए जा रहे हैं, पर उसका कोई खास फायदा नहीं हो रहा है।

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