बंद होंगी 397 कंपनियां: सालभर पहले कंपनी रजिस्ट्रार के पास कराया पंजीयन…लेकिन आज तक काम शुरू नहीं किया

रायपुर। कोरोना काल के दो साल बाद कारोबार पटरी पर है। इसके बावजूद प्रदेश की 397 कंपनियां एक साथ बंद हो रही हैं। इन कंपनियों ने सालभर पहले कंपनी रजिस्ट्रार के पास पंजीयन कराया, लेकिन आज तक काम शुरू नहीं किया। इस वजह से इन कंपनियों को एक साथ बंद करने का नोटिस जारी किया गया है।

कार्यालय कंपनी रजिस्ट्रार एवं समापक छत्तीसगढ़ की ओर से इन सभी कंपनियों के नाम जारी कर दिए गए हैं। इन कंपनियों के डायरेक्टर को 30 दिन का समय दिया गया है। इस एक महीने में वो इस फैसले के खिलाफ अपील कर सकते हैं। फैसले के खिलाफ कोई अपील नहीं करने वाले संचालकों की कंपनी बंद करने के साथ ही उनका रजिस्ट्रेशन भी कैंसिल कर दिया जाएगा।

इन कंपनियों की सूची वेबसाइट पर भी अपलोड कर दी गई है। एक मीडिया संस्थान की पड़ताल में पता चला है कि इनमें से ज्यादातर कंपनियां स्टील, आयरन, रियल एस्टेट और नए स्टार्टअप से जुड़ी हैं। इनने 2021 में पंजीयन कराया था, लेकिन कई कारणों से कंपनियों ने एक भी ट्रांजेक्शन नहीं किया। 397 कंपनियों में किसी ने भी अपना कामकाज तक शुरू ही नहीं किया। इस वजह से कंपनी रजिस्ट्रार के निशाने पर आ गई।इन सभी कंपनियों को कंपनी अधिनियम के तहत बंद करने की नोटिस जारी कर दी गई। इन कंपनियों ने रजिस्ट्रेशन कराने के बाद नियमानुसार जो सब्सक्रिप्शन देना था वो भी जमा नहीं किया। इस वजह से कंपनी रजिस्ट्रार ने इन कंपनियों पर सख्ती कर इन्हें बंद करने का फैसला किया है।केंद्रीय कारपोरेट कार्य मंत्रालय (एमसीए) की वेबसाइट के अनुसार अभी छत्तीसगढ़ में 6123 से ज्यादा कंपनियां रजिस्टर्ड है। इन कंपनियों का कारोबार भी चल रहा है। इन सभी कंपनियों को सीआईएन नंबर भी अलॉट है। कोरोना काल में यानी पिछले दो साल में सबसे कम कंपनियों का पंजीयन हुआ है, लेकिन अभी फिर से इनकी संख्या बढ़ रही है।

30 दिनों के भीतर जवाब नहीं दिया तो कंपनी हो जाएगी बंद, रजिस्ट्रेशन कैंसिल।
इनमें ज्यादातर कंपनियां स्टील, रियल एस्टेट, एग्रीकल्चर और नए स्टार्ट अप की।
कंपनी रजिस्ट्रार छत्तीसगढ़ ने जारी की सूची, आपत्ति करने दिया एक माह का समय।
कंपनी मामलों से जुड़े जानकारों का कहना है कि इस तरह की कंपनियां फर्जी कारोबार के लिए भी बनाई जाती है। आम कंपनियों की तरह इन कंपनियों का भी सीआईएन और जीएसटी नंबर होता है। यानी दस्तावेज पूरे होते हैं, लेकिन कारोबार कुछ नहीं होता। जीएसटी में इनपुट टैक्स क्रेडिट रिटर्न पाने और बोगस बिल तैयार करने के लिए इन कंपनियों की मदद ली जाती है।कोरोना में सभी तरह के कारोबार बंद होने के बावजूद इतनी कंपनियां बंद नहीं हुई, जितनी अभी हो रही हैं। 2020 और 2021 के कोरोना काल में करीब 200 कंपनियों के ही पंजीयन रद्द हुए थे। इन कंपनियों ने भी रजिस्ट्रेशन कराने के बाद कारोबार शुरू नहीं किया था। अभी स्थिति सामान्य होने के बावजूद केवल एक साल में ही बड़ी संख्या में बंद हो रही कंपनियों ने बड़े कारोबारियों की भी मुश्किलें बढ़ा दी हैं।पंजीयन के एक साल बाद तक इन कंपनियों ने काम शुरू नहीं किया। कंपनी एक्ट के तहत 180 दिनों तक कोई भुगतान भी नहीं किया। इस वजह से इन कंपनियों को सूची से हटा रहे हैं। कंपनी संचालकों को कोई आपत्ति है तो 30 दिनों के भीतर कर सकते हैं। इसके बाद कंपनियों का विघटन हो जाएगा। – पुष्पेंद्र कुमार मीणा, कार्यालय कंपनी रजिस्ट्रार एवं शासकीय समापक छत्तीसगढ़

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