बिश्रामपु,4 सितम्बरर । एसईसीएल समेत कोल इंडिया की सहायक कंपनियों में कार्यरत करीब ढाई लाख कोयला कामगारों के 11 वें वेतन समझौते को लेकर संपन्न जेबीसीसीआई 11 की छठवीं बैठक में भी वेतन समझौते पर कोई निर्णय नहीं हो सका।
कोलकाता में शुक्रवार को संपन्ना् जेबीसीसीआई 111 की बैठक में मिनिमम गारंटी बेनिफिट (एमजीबी) को लेकर यूनियन और कोल इंडिया प्रबंधन में जिच चलता रहा। यूनियन 45 फीसदी एमजीबी की मांग से बैठक शुरू हुई। प्रबंधन ने कहा कि सात फीसदी से अधिक देना संभव नहीं है। भोजन के बाद शुरू हुई वार्ता में यूनियन घटकर 30 फीसदी तक आया। वहीं प्रबंधन बढ़कर 10 फीसदी तक पहुंचा। यूनियन ने 50 फीसदी वेतन वृद्धि का प्रस्ताव कोल इंडिया को दिया था। अब तक वेतन समझौते को लेकर ज्वाइंट बाइपरटाइट कमेटी आफ कोल इंडस्ट्रीज (जेबीसीसीआइ) की छह बैठक हो चुकी है। छह बैठक होने के बाद भी सहमति नहीं बन पायी है।
पिछले वेतन समझौते में कोल इंडिया कर्मियों को 20 फीसदी एमजीबी दिया गया था। कोल इंडिया के चेयरमैन प्रमोद अग्रवाल की अध्यक्षता में हुई बैठक में रमेंद्र कुमार, बी सिद्धरमैया, लखनलाल महतो, डीडी रामानंदन, अरुप चटर्जी, सुजीत भट्टाचार्या, के। लक्षमा रेड्डी, सुरेंद्र कुमार पांडेय, सुधीर एच गुरडे, नाथू लाल पांडेय, शिवकांत पांडेय, सिद्धार्थ गौतम, राजेश कुमार सिंह आदि मौजूद थे।यूनियन और प्रबंधन के बीच तीन बार बैठक रुकी। पहली बार प्रबंधन ने सात तीन फीसदी का प्रस्ताव दिया। यूनियन ने 45 फीसदी की मांग की। दूसरी बार यूनियन ने 35 फीसदी मांगा, तो प्रबंधन सात फीसदी देने पर सहमत हुआ। इसमें भी सहमति नहीं बनी। यूनियन ने कहा कि हम लोग इस रवैये का विरोध करेंगे। 20 सितंबर को विरोध दिवस मनायेंगे। इसके बाद कोल इंडिया ने और कुछ कम करनी की मांग की। यूनियन ने अंतिम रूप में 30 फीसदी से कम नहीं लेने की बात की प्रबंधन 10 फीसदी तक देने को तैयार हुआ। इस पर सहमति नहीं और बैठक समाप्त हो गई। अगली बैठक सितंबर के बाद करने पर सहमति बनी। रेड्डी, सुरेंद्र कुमार पांडेय, सुधीर एच गुरडे, नाथू लाल पांडेय, शिवकांत पांडेय, सिद्धार्थ गौतम, राजेश कुमार सिंह आदि मौजूद थे।
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