जिला संघर्ष समिति ने किया सारंगढ़ ज़िला निर्माण का विरोध, फूंका पुतला

रायगढ़, 03 सितंबर। बरमकेला विकासखंड को रायगढ़ जिले में ही यथावत रखना उपयुक्त था, इस मांग को लेकर जिला संघर्ष समिति विकासखंड बरमकेला लगातार आंदोलनरत थी। शनिवार को एक बार फिर ज़िला संघर्ष समिति द्वारा सरिया नगर के गांधी चौक में काला झंडा व सिर पर काली पट्टी बांध कर विरोध प्रदर्शन किया गया।

प्रदर्शनकारियों ने बताया कि 2021 के नवाखाई पर्व के दिन विधायक प्रकाश नायक के नेतृत्व में बरमकेला विकासखंड के हजारों लोग मुख्यमंत्री निवास पहुंचे थे, जहां हजारों लोगों की उपस्थिति में मुख्यमंत्री ने मंच पर आकर कहा था कि लोगों के सुविधा के लिए जिला बनाया जाता है इसलिए आपकी सुविधा यदि रायगढ़ जिले में है तो आप रायगढ़ में ही रहोगे बशर्ते शासकीय प्रक्रिया के तहत समय-सीमा में दावा आपत्ति दर्ज करा देना।

तदुपरान्त बरमकेला विकासखंड के लोगों ने जिला संघर्ष समिति के बैनर तले दावा आपत्ति के दौरान पूरे 96 ग्राम पंचायत, 200 गांव के ग्राम सभा, दोनों नगर पंचायत एवं जनपद पंचायत ने सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर, 224 गांव के 16 हजार लोगों ने सामूहिक रूप से आवेदन देकर और क्षेत्र की चुने हुए जनप्रतिनिधियों ने व्यक्तिगत रूप से आवेदन लिखकर यह आग्रह किया था कि हम सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिला में रहना नहीं चाहते हैं। दावा आपत्ति के समय बरमकेला विकासखंड के कोने-कोने से आए हुए हजारों लोगों की भीड़ के समक्ष विधायक प्रकाश नायक ने आम जनमानस को संबोधित किया था और यह कहा था कि नवाखाई जैसे पवित्र पर्व के दिन मुख्यमंत्री भूपेश ने बरमकेला विकासखंड को रायगढ़ जिले यथावत रखने की बात कही है लेकिन बरमकेला विकासखंड मुख्यमंत्री और विधायक के वादाखिलाफी से छला गया है।

224 गांव निकालेंगे विश्वासघाती यात्रा : जगन्नाथ पाणिग्राही

मुख्यमंत्री भूपेश विधायक प्रकाश नायक समेत कांग्रेस के प्रतिनिधियों ने झूठ बोलकर क्षेत्र के लोगों के पीठ पर छूरा भोंपा है। इन्होंने 2021 के नवाखाई में धोखा दिया तो 2022 के नवाखाई के दिन सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले में बरमकेला विकासखंड को शामिल कर जले पर नमक छिड़का है। समिति के सदस्य जगन्नाथ पाणिग्राही ने कहा कि आसन्न नवाखाई 2023 तक हम बरमकेला विकासखंड पूरे 224 गांव में विश्वासघाती यात्रा के साथ जायेंगे और क्षेत्र की जनता से इस विश्वासघाती झूठा लबरा सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए क्षेत्र की जनता जनार्दन से आह्वान करेंगे। इस दौरान जगन्नाथ पाणिग्राही, मोहन सुरेन्द्र प्रधान, आदित्य प्रधान, तुलाराम डनसेना, सुरेश प्रधान, गोबर्धन निषाद सहित अन्यान्य जन उपस्थित थे।

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