राजनांदगांव ,2सितम्बर। मुद्दतों बाद ऐसा ऐतिहासिक पल आया है, जिसका इंतजार वर्षों से मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी के रहवासियों को थी। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जनता को नये जिले की सौगात देंगे। भूगोल बदलेगा और राजनांदगांव जिले से अलग होकर एक नया जिला मूर्त स्वरूप लेगा। प्रशासनिक विकेन्द्रीकरण होने से सुदूर वनांचल क्षेत्रों तक विकास की रोशनी पहुंचेगी। कभी एक वक्त था जब नक्सली हिंसा से प्रभावित इन क्षेत्रों में भय और दहशत का महौल था, लेकिन बीते कसक को पीछे छोड़ यह अंचल विकास की दिशा में रफ्तार से उड़ान भरने को तैयार है। इन क्षेत्रों में नक्सलवाद की समस्या का उन्मूलन करने के लिए शासन द्वारा रोड कनेक्टीविटी एवं अधोसंरचना की मजबूती के लिए विशेष कार्य किए गये। अब नये जिले का कलेक्टोरेट पूरी तरह तैयार हो चुका है और यहां नये जिले के शुभारंभ की तैयारी जोर शोर से चल रही है।
मोहला-मानपुर-अम्बागढ़ चौकी के वनांचल क्षेत्र वनीय संपदा से परिपूर्ण है। मानपुर में प्रयास वन-धन प्रसंस्करण केन्द्र में महिला स्वसहायता समूह द्वारा राजवन फूड्स का निर्माण किया जा रहा है। शासन की सुराजी गांव योजना से गौठानों में मल्टी एक्टिीविटी कार्य के माध्यम से समूह की महिलाआं के जीवन में परिवर्तन अया है। समूह की महिलाओं से जंगल से शहद एकत्रित एवं प्रसंस्कृत करने का कार्य कर रही है। इन स्थानीय उत्पादों की ब्रांडिंग कर सी-मार्ट, ट्रायफेड एवं स्थानीय बाजारों में विक्रय किया जा रहा है। स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम विद्यालय के निर्माण से इन क्षेत्रों में शैक्षणिक दृष्टकोण से भी महत्वपूर्ण परिवर्तन आएंगे।
स्वास्थ्य अधोसंरचना का विस्तार जिले के वनांचलों, ग्रामांचलों तक किया गया है। जिले में दूरस्थ वनांचल विकासखण्ड मानपुर में स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र का उन्नयन किया गया है। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र मानपुर में स्थापित किया गया हमर लैब राज्य का प्रथम विकासखण्ड स्तर का स्थापित लैब है जिसमें विभिन्न प्रकार की 50 प्रकार की जांच एक ही स्थान पर हो रही है। जिससे लोगों के समय और धन दोनों की बचत हो रही है। प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र चिल्हाटी में नवीन भवन निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है तथा प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र वासडी में नवीन भवन निर्माण कार्य प्रगति पर है।
नया जिला मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी धार्मिक पुरातात्विक दृष्टिकोण से भी समृद्ध है। जिले में मोंगरा बैराज, कान्हे मंदिर, दंतेश्वरी मंदिर, राजावाड़ा, मनसा देवी मंदिर बांधा बाजार, राजावाड़ा, राजा तालाब, थर्ड नाला धोबेदण्ड, स्वामी आत्मानंद स्कूल भवन, शिवलोक मानपुर, खडग़ांव माइंस, मुड़ा पहाड़ जैसे दर्शनीय स्थल हंै। वही रमणीय प्राकृतिक वनीय क्षेत्र भी हैं। मोंगरा बैराज में 2 करोड़ 88 लाख रूपए की लागत से मछली का केज कल्चर किया जा रहा है। जिसमें रोहू, कतला, मृगल एवं तिलापिया प्रजाति के मत्स्य पालन किया जा रहा है। निश्चित ही विभिन्न आयामों में जिला तरक्की की ओर अग्रसर होगा।
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