नई दिल्ली ,1सितम्बर।पाकिस्तान की ओर से भारत को अस्थिर करने की लगातार कोशिश की जाती रही है, लेकिन देश के अलर्ट सुरक्षाबल उसकी हर कोशिश को नाकाम कर देते हैं. पड़ोसी मुल्क की नापाक कोशिश को एक बार फिर नाकाम करने में कामयाबी मिली है.पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई और पाक सेना का ऑपरेशन हनी ट्रैप नाकाम हो गया है और अलर्ट भारतीय खुफिया एजेंसी ने आईएसआई के प्रयास को फिर से नाकाम कर दिया है.
पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई की ओर से देश की सेना और सीमा की सुरक्षा से जुड़े सुरक्षा बलों को टारगेट करने के लिए एक महिला ब्रिगेड बनाई गई थी. इस महिला बिग्रेड में शामिल करीब 50 से 70 महिलाओं के टारगेट पर सामरिक सुरक्षा के लिहाज से अतिसंवेदनशील जगहों पर तैनात सेना और सीमा सुरक्षा बल के अधिकारी थे.आईएसआई की ओर से भारतीय अधिकारियों की सोशल मीडिया आईडी इन महिलाओं से शेयर भी कर दी गई थी. इन महिलाओं को भारतीय अधिकारियों को अपने झांसे में फंसाने के लिए बाकयदा सोशल मीडिया के जरिए हनी ट्रैप में फंसाने की ट्रेनिंग दी गई थी.
ये ट्रेनिंग पाकिस्तानी सेना के इंटेलिजेंस विंग के 412 सिंध के हैदराबाद से दी जा रही थी. वहीं से सैन्य अफसरों को फंसाने की पूरी साजिश रची जाती थी.हनी ट्रैप में फंसाने के लिए ये लड़कियां पहले किसी फर्जी फोटो के जरिए सोशल मीडिया प्रोफाइल बनाती हैं, फिर टारगेट को फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजकर उन्हें अश्लील बातों के मायाजाल में फंसाती हैं. जब वे उनके झांसे में आ जाते हैं तो फिर उनसे सेना से जुड़ी कोई अहम जानकारी ली जाती है. फिर जैसे ही चैट शुरू हो जाती है तो आईएसआई अपना खेल शुरू कर देती है. इसके बाद ब्लैकमेलिंग का खेल शुरू हो जाता है.आईएसआई और पाक सेना दोनों मिलकर इस ट्रेनिंग कैंप को पिछले कई सालों से चला रहे हैं. खास बात यह है कि इस ट्रेनिंग कैंप में रिक्रूटर महिला से सिर्फ 2 से 3 साल तक ही काम का करवाया जाता है. पाकिस्तान की ओर से लंबे समय से भारतीय अधिकारियों को हनी ट्रैम में फंसाने की साजिश रची जा रही है. बीच-बीच में कई बार भारतीय सेना से जुड़े लोग हनी ट्रैप का शिकार भी हो जाते हैं, लेकिन वो जल्द ही खुफिया अधिकारियों की नजर में आ जाते हैं और उनकी योजना लंबे समय तक कामयाब नहीं हो पाती हैं.
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