ताइवानी जनता को डराने-धमकाने का चीन का प्रयास व संभावित हमले की रणनीति अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की अध्यक्ष नैंसी पेलोसी की पिछले हफ्ते हुई ताइपे की यात्रा का परिणाम है।
ताइवान संकट पर भारत ने शुक्रवार को अपनी पहली प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि दोनों पक्ष एकतरफा कार्रवाई करने से दूर रहें। भारतीय विदेश मंत्रालय ने ताइवान मुद्दे पर कहा कि कई अन्य देशों की तरह भारत भी हालिया घटनाक्रमों को लेकर चिंतित है। मंत्रालय ने कहा कि हम यथास्थिति को बदलने वाली एकतरफा कार्रवाई करने से दूर रहने व संयम बरतने का अनुरोध करते हैं। भारत ने क्षेत्र में तनाव घटाने और शांति एवं स्थिरता बरकरार रखने के प्रयास करने की अपील की है।
ताइवान में मौजूदा स्थिति पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा, “कई अन्य देशों की तरह भारत भी हाल के घटनाक्रमों से चिंतित है, हम संयम बरतने, स्टेटस को बदलने के लिए एकतरफा कार्रवाई से बचने, तनाव कम करने और क्षेत्र में शांति और स्थिरता बनाए रखने के प्रयासों का अनुरोध करते हैं।” ‘वन-चाइना पॉलिसी’ पर भारत की स्थिति को लेकर पूछे गए एक सवाल पर उन्होंने कहा कि भारत की प्रासंगिक नीतियां सर्वविदित और सुसंगत हैं, उन्हें बार-बार दोहराने की आवश्यकता नहीं है।
बता दें कि चीन ने ताइवान द्वीप के निकट करीब एक सप्ताह तक चले सैन्य अभ्यास के उपरांत बृहस्पतिवार को एक बार फिर ताइवान पर हमले की धमकी दी। इस बीच, ताइवान ने स्वशासी लोकतंत्र के बारे में चीन के दावों को ‘ख्याली पुलाव’ करार देते हुए खुद भी सैन्य अभ्यास शुरू किए हैं। ताइवानी जनता को डराने-धमकाने का चीन का प्रयास व संभावित हमले की रणनीति अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की अध्यक्ष नैंसी पेलोसी की पिछले हफ्ते हुई ताइपे की यात्रा का परिणाम है।
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