आर्ट आफ हैप्पी लिविंग विषय पर संस्कार शिविर: बच्चों को खेल-खेल में सिखाया आध्यात्मिक संस्कार

चातुर्मास समिति के राजेश सिंगी ने बताया कि बच्चों के मन में सुसंस्कारों का बीजारोपण करने के लिए प्रेरणादायी कहानियां सुनाई गई।

रायपुर । बच्चों के मन में माता-पिता, बड़े-बुजुर्गों के प्रति आदर, मान-सम्मान की भावना जागृत हो, इस उद्देश्य को लेकर पचपेड़ी नाका स्थित हीरसुरी भवन में अध्यात्मिक संस्कारों का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। आचार्य मुनि शाम्य तिलक के मार्गदर्शन में 200 से अधिक बच्चों को रविवार को प्रशिक्षण दिया गया।

चातुर्मास समिति के राजेश सिंगी ने बताया कि बच्चों के मन में सुसंस्कारों का बीजारोपण करने के लिए प्रेरणादायी कहानियां सुनाई गई। साथ ही मोबाइल, टीवी से होने वाले दुष्प्रभावों की जानकारी दी गई। खेल-खेल में धर्म का मर्म समझाया गया। इसके बाद बच्चों से प्रश्न पूछे गए। उत्तर देने वाले बच्चों को पुरस्कार दिया गया ताकि उनका हौसला बढ़े और वे शिविर में सीखने के प्रति लालायित हों।

शिविर में बच्चों को दो वर्ग में बांटा गया। 10 से कम उम्र के बच्चों को कहानियों, चित्रों के माध्यम से संस्कार सिखाया गया। इस पर आधारित क्विज में मलय मुणोत, अक्षिका बरलोटा विजेता रहे। 10 वर्ष से अधिक उम्र के बच्चों को गुरु भगवंत ने भीमसेन चरित्र पर आधरित प्रेरक कथा सुनाई। इसके पश्चात ग्राउंड गेम एवं कार्ड गेम खिलाए गए। साथ ही 14 वर्ष से अधिक उम्र की बालिकाओं को साध्वी भगवंत ने आर्ट ऑफ हैप्पी लिविंग विषय पर शिक्षा दी। बच्चों ने खुलकर अपने मन की शंकाओं, जिज्ञासाओं के बारे में पूछा, जिसका साध्वी ने समाधान किया। अध्यात्म शाला के पश्चात बच्चों को बैठाकर स्वल्पाहार कराया गया। 45 दिवसीय आगम तप का 21वां दिवस रहा। एकासना के लाभार्थी सुमन देवी, संजय कुमार, अजय कुमार, राजेश सिंगी परिवार रहा। कुल 70 तपस्वियों ने एकासना किया।