‘गोल्ड ना जीतने का पछतावा हमेशा रहेगा’, हार के बाद छलका हरमनप्रीत कौर और जेमिमा रोड्रिग्स का दर्द

हरमनप्रीत के साथ 96 रनों की अहम साझेदारी करने वाली जेमिमा ने कहा ‘कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 के दौरान हमारी टीम जिस तरह खेली उस पर हमें गर्व है। सिल्वर जीतने की खुशी है मगर गोल्ड ना जीतने का पछतावा रहेगा।’

रविवार रात कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में महिला क्रिकेट के फाइनल मुकाबले में भारतीय टीम को 9 रनों से हार का सामना करना पड़ा। इस शिकस्त के साथ टीम इंडिया एतिहासिक गोल्ड मेडल जीतने से चूक गई और हरमनप्रीत कौर की टीम को सिल्वर मेडल से ही संतोष करना पड़ा। मैच के बाद भारतीय कप्तान और जेमिमा रोड्रिग्स ने इस हार पर निराशा जाहिर की। बता दें, इस मैच में ऑस्ट्रेलिया ने पहले बल्लेबाजी करते हुए भारत को 162 रनों का लक्ष्य दिया था, इस स्कोर के सामने टीम इंडिया 152 रनों पर ढेर हो गई थी।

मैच के बाद न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए भारतीय कप्तान हरमनप्रीत कौर ने कहा ‘हमारा मैच पर पूरा कंट्रोल था, लेकिन आखिरी कुछ ओवरों में हमने गलतियां की। देश के लिए मेडल जीतना अच्छा अहसास है। हम अपने प्रदर्शन से खुश हैं।’

वहीं फाइनल मुकाबले में कप्तान के साथ 96 रनों की अहम साझेदारी करने वाली जेमिमा ने कहा ‘कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 के दौरान हमारी टीम जिस तरह खेली उस पर हमें गर्व है। सिल्वर जीतने की खुशी है मगर गोल्ड ना जीतने का पछतावा रहेगा। भारत की पदक सूची में योगदान देखर अच्छा लग रहा है। क्रिकेट खेलकर मेडल जीतना काफी अच्छा अहसास है।’

बात मुकाबले की करें तो ऑस्ट्रेलिया ने पहले बैटिंग करते हुए 8 विकेट पर 161 रन बनाए। इसके जवाब में भारतीय टीम 19.3 ओवर में 152 रन ही बना सकी। लक्ष्य का पीछा करने उतरी टीम इंडिया ने 22 के स्कोर पर ही अपने दोनों ओपनरों शेफ़ाली वर्मा (11) और स्मृति मंधाना (6) का विकेट गंवा दिया। हालांकि इसके बाद कप्तान हरमनप्रीत कौर (65) और जेमिमाह रॉड्रिग्स (33) ने तीसरे विकेट के लिए 71 गेंदों पर 96 रनों की साझेदारी करके टीम को संकट से बाहर निकाला। हरमनप्रीत कौर ने इस दौरान इस साल का अपना बेस्ट स्कोर किया। उन्होंने 43 गेंदों पर सात चौके और दो छक्के लगाए। वहीं, रॉड्रिग्स ने 33 गेंदों पर तीन चौके लगाए।

रॉड्रिग्स टीम के 118 के स्कोर पर तीसरे बैटर के रूप में आउट हुईं। उनके आउट होने के बाद ऐश्ली गार्डनर ने लगातार दो गेंदों पर दो विकेट लेकर भारत को संकट में डाल दिया। गार्डनर ने पहले पूजा वस्त्रकर (1) और फिर कप्तान हरमनप्रीत कौर का बड़ा विकेट झटक लिया। पांच विकेट खोने के बाद भारत के छठा झटका स्नेह राणा (8) के रूप में रन आउट के रूप में लगा।

लगातार विकेट गिरने के चलते भारतीय टीम दबाव में आने लगी। टीम को अंतिम दो ओवर में गोल्ड मेडल जीतने के लिए 17 रन बनाने थे और उसके पास चार विकेट बाकी थे। टीम को अंतिम ओवर में जीत के लिए 11 रन बनाने थे, लेकिन टीम 19.3 ओवर में 152 रन ही बना सकी। 

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