कोरबा, 06 अगस्त । मुख्यमंत्री भूपेश बघेल एवं केंद्रीय सरकार के द्वारा पात्र हितग्राहियों को विभिन्न योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। खासकर गरीब वर्ग के लोगों और बालिकाओं को लाभ दिलाने के लिए योजनाओं का जोर- शोर से प्रचार-प्रसार कर लाभन्वित करने पर काम हो रहा है। इस योजना की आड़ में कुछ लोग दलाली करने तक पर उतारू हो गए हैं।
नगर निगम कोरबा के प्रशासनिक भवन साकेत में संपदा शाखा के एक बाबू/कर्मचारी के द्वारा हस्ताक्षर करने के नाम पर 100 रुपये की वसूली का मामला सामने आया है। दरअसल सरकार की महत्वाकांक्षी नोनी सुरक्षा योजना के तहत महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा आवेदन जमा कराए जा रहे हैं। योजना से पात्र लोगों को लाभान्वित करने के लिए वांछित दस्तावेजों को आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा जमा लिया जा रहा है। लाभ लेने के लिए आवेदक परिवार का बीपीएल होना जरूरी है। बीपीएल सर्वे सूची में उस परिवार का नाम शामिल है या नहीं इसके लिए एक प्रमाण पत्र लिया जा रहा है। प्रमाण पत्र में संपदा शाखा से हस्ताक्षर करा कर प्रमाणित करना अनिवार्य है। यहां प्रमाणित करने के लिए पहले 50 रुपये और प्रमाणित करने के बाद 50 रुपये बड़ी ही बेशर्मी से लिए जा रहे हैं। आवेदन लेने वाली आंगनवाड़ी कार्यकर्ता इसके लिए रुपए देने पर मजबूर हैं जो कि उनके जेब से खर्च होता है। आवेदकों से खर्च की राशि मांगते हैं तो उन पर वसूली का आरोप लगता है लेकिन संपदा शाखा में चल रही कमीशनखोरी पर कोई लगाम नहीं लग पा रही है। कार्यकर्ताओं की मजबूरी है कि उन्हें अपने विभाग की मंशाअनुरूप कार्य करना है किन्तु इसके लिए वे स्वयं वसूली का शिकार हो रही हैं। इस तरह के एक नहीं बल्कि कई मामले हैं जिनमें हस्ताक्षर करने से लेकर सील मुद्रा लगाने/प्रमाणित करने के लिए रुपए लिए जा रहे हैं जबकि यह पूरी तरह से अवैधानिक है और संबंधित लोगों पर कार्रवाई करने की आवश्यकता है। यह जांच करने की भी जरूरत है कि संबंधित बाबू/कर्मचारी किसके इशारे पर रुपए की मांग कर रहा है और यदि किसी अधिकारी ने ऐसा कहा है तो उस पर भी सख्त कार्रवाई करने की जरूरत है।
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