जैविक धान, फल-सब्जी की होगी ब्रांडिंग, सी-मार्ट में होंगे उपलब्ध

दुर्ग । राजीव गांधी न्याय योजना के पश्चात एवं किसानों को सुगंधित धान के लिए प्रोत्साहित करने से सुगंधित धान का रकबा जिले में बढ़ रहा है। मिनी राइस मिल आदि के माध्यम से इसकी प्रोसेसिंग की व्यवस्था भी गौठानों में उपलब्ध है। अब इसकी ब्रांडिंग की जाएगी। आकर्षक पैकिंग के माध्यम से इसे सी-मार्ट तथा अन्य वितरण केंद्रों के माध्यम से बेचा जाएगा। इसके साथ ही फल और सब्जी भी जिनका उत्पादन जैविक तरीके से बाड़ी में हो रहा है। उनका भी विक्रय सी-मार्ट आदि माध्यम से हो सकेगा।

कलेक्टर पुष्पेंद्र मीणा ने बुधवार को पाटन ब्लाक में ली अधिकारियों की बैठक में यह निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि जिले में गौठानों के भ्रमण के दौरान मैंने पाया कि लगातार जैविक खेती के माध्यम से किसान और समूह फसल तथा फल-सब्जी का उत्पादन कर रहे हैं। तीन साल पूरा कर लेने पर इन्हें जैविक खेती का सर्टिफिकेट मिल पाएगा। कुछ ऐसे भी समूह होंगे जिन्होंने तीन साल पूरे कर लिये होंगे। बाजार में जैविक उत्पादों की अच्छी डिमांड है। लोग बाड़ियों से उत्पादित सब्जी चाहते हैं। एक ही स्थान पर और शहर के सी-मार्ट जैसे महत्वपूर्ण केंद्रों में इनकी उपलब्धता होने पर लोगों को क्रय में आसानी होगी और समूहों को भी अच्छा लाभ मिल सकेगा। इस मौके पर जिला पंचायत सीईओ अश्विनी देवांगन भी मौजूद थे। उन्होंने एनजीजीबी से संबंधित गतिविधियों की जानकारी ली और सभी गौठानों में छह आजीविकामूलक गतिविधियां प्रमुखता से आरंभ करने के निर्देश दिये। इस मौके पर एसडीएम पाटन विपुल गुप्ता भी मौजूद थे।

खेती-किसानी की समस्याओं को भी जाना
कलेक्टर ने अधिकारियों की बैठक में प्रमुखता से खरीफ फसल की स्थिति के बारे में जानकारी ली। उन्होंने इसके लिए पिछले बैठक में दिये गये निर्देशों के अनुपालन की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि डीएपी के विकल्प के रूप में जो सामग्री सुझाई गई, उसका किस तरह प्रचार-प्रसार हुआ। कृषि अधिकारी ने बताया कि लोगों के बीच एआरईओ गये और खाद के संबंध में वैकल्पिक उपायों को सुझाया जिससे किसानों की समस्या दूर हुई है।



कलेक्टर ने कहा कि सभी स्कूलों में रनिंग वाटर की सुविधा उपलब्ध हो। जिन स्कूलों का मरम्मत के लिए चिन्हांकन हो, उन पर तुरंत काम शुरू करें। स्कूलों में पढ़ाई की गुणवत्ता सुनिश्चित हो। मध्याह्न भोजन आदि की मानिटरिंग होती रहे। स्वामी आत्मानंद स्कूलों की इमारतों का काम समय पर पूरा हो जाए। पिछले भ्रमण के दौरान जो निर्देश दिये गये थे, उनके अनुरूप एक्टिविटी क्लासेज के लिए भी व्यवस्था कर ली जाए।