नई दिल्ली,ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर से 260 किमी दूर हरे भरे जंगलों के बीच कुसमुई ब्लॉक पड़ता है। इसी ब्लॉक में उपरबेड़ा गांव तलहटी पर स्थित है। आज यह छोटा सा गांव पूरे विश्व में सुर्खियां बटोर रहा है। इसी गांव की द्रौपदी मुर्मू देश की पहली आदिवासी राष्ट्रपति बनने जा रही है।
उपरबेड़ा गांव में रोड बनी है जो 15 किमी दूर रायरंगपुर जोड़ती है। जहां द्रौपदी ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत 1997 में एक पार्षद के रूप में की थी। रायरंगपुर में, व्यापारी समुदाय कम से कम 40,000 लोगों के बीच बांटने के लिए मिठाई तैयार कर रहा है।
द्रौपदी के छोटे भाई तरनसेन ने कहा कि वे सभी बहुत उत्साहित हैं। इस गांव को कुछ दिनों पहले तक कोई नहीं जानता था। द्रौपदी मुर्मू को एनडीए ने राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित किया तो यह गांव पूरे विश्व में छा गया। गुरुवार सुबह से ही इस गांव में जश्न का माहौल है क्योंकि यही वह गांव है जहां द्रौपदी मुर्मू का जन्म हुआ था।
उपरबेड़ा के लोग द्रौपदी मुर्मू की जीत का ऐलान होने से पहले ही खुशियां मना रहे हैं। ग्रामीणों ने गुरुवार को गांव में ‘विजय दिवस’ मनाने की तैयारी की है। पूरा गांव को यह विश्वास कि उनकी बेटी ही राष्ट्रपति बनेगी।
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