कौन बनेगा देश का 15वां राष्ट्रपति? फैसला आज: शुरू हुई काउंटिंग, यहां जानें राष्ट्रपति चुनाव के मतगणना का पूरा गणित

नई दिल्ली: कौन बनेगा देश का नया राष्ट्रपति? इसका फैसला आज हो जाएगा। सुबह 11 बजे वोटों की गिनती शुरू हो जाएगी। एनडीए उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू जीतेंगी या विपक्ष के यशवंत सिन्हा ये आज आने वाले परिणाम के साथ तय हो जायेगा।

ज्ञात हो कि राष्ट्रपति पद के लिए 18 जुलाई को मतगणना हुई थी. राष्ट्रपति चुनाव में आपने एक शब्द का जिक्र बार-बार सुना होगा और वह है इलेक्टोरल कॉलेज। यह शब्द कितना अहम है, इसे इसी बात से समझा जा सकता है कि आज राष्ट्रपति चुनाव के नतीजे भी इसी इलेक्टोरल कॉलेज के जरिए तय होंगे। इस आर्टिकल के जरिए आइए जानते हैं कि यह इलेक्टोरल कॉलेज क्या है और किसी सांसद या विधायक के वोट की वैल्यू कैसे तय होती है? आखिर मतगणना के दौरान कौन सा उम्मीदवार जीता है, इसका पता लगाने के लिए कौन सा तरीका होता है.

आखिर क्या है इलेक्टोरल कॉलेज?


प्रेसिडेंट इलेक्शन में लोकसभा, राज्यसभा के सदस्य और सभी राज्यों के विधायक वोट डालते हैं। इन सभी के वोट की अहमियत यानी वैल्यू अलग-अलग होती है। यहां तक कि अलग-अलग राज्य के विधायक के वोट की वैल्यू भी अलग होती है।

एक सांसद के वोट की वैल्यू 700 होती है। वहीं, विधायकों के वोट की वैल्यू उस राज्य की आबादी और सीटों की संख्या पर निर्भर होती है। सांसदों और विधायकों के वोटों की वैल्यू के कुल योग को इलेक्टोरल कॉलेज कहते हैं। दोनों उम्मीदवारों में इस इलेक्टोरल कॉलेज के 51 फीसदी वोट हासिल करने वाला विजेता होगा।

प्रेसिडेंट इलेक्शन में लोकसभा, राज्यसभा और राज्यों के विधानसभा के सदस्यों ने वोट डाले। 245 सदस्यों वाली राज्यसभा में से 233 सांसदों को वोट डालने की इजाजत थी (मनोनीत सांसद वोट नहीं डाल सकते)। इसके साथ ही लोकसभा के 543 सदस्यों को वोटिंग की अनुमति मिली थी। इसके अलावा सभी राज्यों के कुल 4 हजार से ज्यादा विधायकों को वोट डालने का अधिकार था। इस तरह से राष्ट्रपति चुनाव में कुल मतदाताओं की संख्या 4 हजार 796 रही। हालांकि, इनके वोटों की वैल्यू अलग-अलग थी।

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