नई दिल्ली। केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी एवं पृथ्वी विज्ञान राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और पीएमओ, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि जैव अर्थव्यवस्था अगले 25 वर्षों में भारत की भविष्य की अर्थव्यवस्था का बेहद अहम हिस्सा होगी। भारत की जैव-अर्थव्यवस्था रिपोर्ट 2022 जारी करते हुए डॉ जितेंद्र सिंह ने बताया कि भारत की जैव अर्थव्यवस्था 2021 में 80 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक तक पहुंच गई है। 2020 में 14.1 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। इस क्षेत्र में तेजी से विकास को देखते हुए, मंत्री ने कहा, जैव अर्थव्यवस्था द्वारा 2025 तक 150 बिलियन डॉलर और 2030 तक 300 बिलियन डॉलर के आंकड़े को छूने की संभावना है।
मंत्री ने बायोटेक क्षेत्र के सभी हितधारकों, विशेष रूप से उद्योग, स्टार्टअप इकोसिस्टम, निवेशकों, वैज्ञानिकों, विद्वानों, उद्यमियों और डीबीटी, बीआईआरएसी जैसे समर्थकों से महत्वाकांक्षी लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सामूहिक रूप से काम करने का आग्रह किया। डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा, देश में बढ़ते सक्षम इकोसिस्टम और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा प्रदान की गई प्राथमिकता के कारण बायोटेक स्टार्ट-अप की संख्या पिछले 10 वर्षों में 50 से बढ़कर 5,300 से अधिक हो गई है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि मजबूत टेलंट पूल से उत्पन्न होने वाले बायोटेक स्टार्ट-अप के 2025 तक 2 गुना बढ़कर 10,000 से अधिक होने की उम्मीद है।
मंत्री ने कहा कि इस साल जून में डीबीटी/बीआईआरएसी द्वारा आयोजित पहले राष्ट्रीय बायोटेक स्टार्ट-अप एक्सपो 2022 में प्रधानमंत्री मोदी की उपस्थिति बायोटेक क्षेत्र में विकास क्षमता और हमारे स्टार्ट-अप इकोसिस्टम के इनोवेशन टेलंट पूल का प्रमाण है। डॉ जितेंद्र सिंह ने उत्तर-पूर्वी क्षेत्र के लिए विशेष बायोटेक इग्निशन ग्रांट कॉल भी लॉन्च किया और बायोटेक समाधान विकसित करने के लिए उत्तर-पूर्वी क्षेत्र के 25 स्टार्टअप और उद्यमियों को 50 लाख रुपये तक की वित्तीय सहायता की घोषणा की। उन्होंने कहा, उत्तर-पूर्वी क्षेत्र में बायोटेक को आगे ले जाने की अपार संभावनाएं और प्रतिभा है। मंत्री ने अपने मंत्रालय से उन तक पहुंचने के लिए कहा।
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