छत्तीसगढ़ : राजधानी में नग्न होकर प्रदर्शन, 12 हिरासत में, अनुसूचित जाति वर्ग के लोग बोले-हमारे साथ अत्याचार हो रहा; बिलासपुर में पहले ही रोके गए

रायपुर I सोमवार की दोपहर रायपुर की सड़क पर अजीब हालात देखने को मिले। अंबेडकर चौक के पास रायपुर की पुलिस कुछ लड़कों से धक्का-मुक्की करती दिखी। लड़कों के शरीर पर कपड़े नहीं थे वो नारेबाजी कर रहे थे। इन लड़कों के तन को स्कार्फ से ढंककर पुलिस इन्हें जबरन पेट्रोलिंग वाहन में बैठा रही थी। नग्न अवस्था में ये लड़के पुलिस की इस कार्रवाई का विरोध कर रहे थे।

पता चला कि ये लड़के अनुसूचित जाति समाज से ताल्लुक रखते हैं। ये युवक प्रदेश में अनुसूचित जाति वर्ग पर अत्याचार का दावा करते हुए इस विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए। युवकों ने कहा कि लगातार रायपुर, बिलासपुर समेत प्रदेश के कई इलाकों में कहीं अनुसूचित जाति वर्ग के लोगों के साथ मारपीट हो रही है, कहीं हत्या तो कहीं उनकी जमीनों पर कब्जा किया जा रहा है। मगर जिम्मेदार इनकी नहीं सुन रहे, इन्हें न्याय नहीं मिल रहा, इसलिए ये विरोध प्रदर्शन किया गया। इधर, बिलासपुर से भी कुछ लोग यहां प्रदर्शन में शामिल होने आ रहे थे। मगर उन्हें पुलिस ने पहले ही रोक लिया। इसके खिलाफ युवकों ने जमकर नारेबाज भी की।

इस नग्न विरोध प्रदर्शन से जुड़े युवक महेंद्र सिंह खांडे ने बताया कि लगातार अनुसूचित जाति वर्ग अपनी शिकायतें पुलिस और जिला प्रशासन के अफसरों के पास लेकर पहुंचता है। मगर कोई कार्रवाई नहीं होती। इसी वजह से रायपुर के अंबेडकर चौक पर आकर युवकों ने ये प्रदर्शन किया है। पुलिस ने कार्रवाई करते हुए हमारे 12 साथियों को हिरासत में लिया है। सुबह से मुझे भी हिरासत में लिया गया था बाद में छोड़ा गया। सभी साथी बिलासपुर से रायपुर इस विरोध प्रदर्शन में शामिल होने पहुंचे थे। रायपुर में नग्न प्रदर्शन करने वालों में – संजीत बर्मन, मनीष गायकवाड़, विनय कौशल,पंकज भास्कर 5.आशीष टंडन, बिरेंद्र घृतलहरे, .सुरेंदर लहरे, .सतनाम दीप भारद्वाज, राजकुमार सोनवानी, गणेशराम बघेल, साहिल बघेल, तामेश्वर बघेल शामिल थे।

पुलिस नहीं कर रही गिरफ्तारी
प्रदर्शन कर रहे लोगों ने बताया तीन महीने पहले रायपुर के तेलीबांधा इलाके में रहने वाले गंगाराम मारकंडे ने कांग्रेस नेता आकाशदीप गिल और उसके कारोबारी रिश्तेदार जगमीर गरचा से तंग आकर आत्महत्या कर ली। दोनों को पुलिस फरार बता रही है। जबकि दोनों अदालतों में वकील के जरिए जमानत की अर्जियां दे रहे हैं, गरचा ने बढ़ती उम्र और इलाज का बहाना कर दिया, रायपुर के अस्पताल में इलाज भी करवाया मृतक गंगा के घर वालों ने सारी बातें पुलिस को बताईं मगर पुलिस कार्रवाई नहीं कर रही। इसी तरह प्रदेश के अलग-अलग शहरों कई घटनाएं हैं जिनमें अनुसूचित जाति वर्ग के लोग न्याय के लिए भटक रहे हैं।

कलेक्टर ने कर दिया था अनुमति से इंकार
इस आंदोलन को अनुमति देने से रायपुर कलेक्टर ने इंकार कर दिया था। इसे लेकर प्रदर्शनकारी युवक संजीत बर्मन ने कहा- ऐसे आदेश का हमें कोई परवाह नहीं है, अगर अत्याचार के खिलाफ आवाज उठाते हुए हमारी जान चली जाती है वो भी हमें मंजूर है। लेकिन जातीय अत्याचार नहीं सहेंगे।

संजीत बर्मन ने बताया हम जिम्मेदारों से पूछना चाहते हैं कि वह अनुसूचित जाति वर्ग के लोगों को भारत देश की नागरिक मानते हैं कि नहीं। रायपुर के मृतक गंगाराम मारकंडे के दोषी फरार हैं, पुलिस हमारे लोगों की आंख में धूल झोंकने के लिए इनाम घोषित कर रही है। उनके कबाड़ संपत्ति को कुर्क करने का भी आदेश दे रखी है, लेकिन आरोपी पैसे के बल पर अपनी मनमानी कर रहे हैं।

मारकंडे के चार पेज के सुसाइड नोट में आरोपियों के नाम,पद एवं कार्य स्पष्ट रूप से उल्लेखित किए हैं, साथ ही उन्होंने सुसाइड नोट के हर पन्ने पर हस्ताक्षर किए हैं। मगर आरोपी फरार हैं। हमने भारत के संविधान पर विश्वास करते हुए पुलिस से निवेदन किए, प्रशासन को आवेदन भेजे, न्यायपालिका से न्याय मिलने की उम्मीद लगाए रहे, अफसोस हर जगह से हमें निराशा हाथ लगी और हमें यूं बिना कपड़ों के सड़क पर उतरना पड़ा। आगे भी हमारा विरोध जारी रहेगा।