झारखंड / झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Chief Minister Hemant Soren) ने शुक्रवार को कैबिनेट मीटिंग (cabinet meeting) में 55 प्रस्ताव पास किए। इसके तहत पुरानी पेंशन योजना को कुछ शर्तों के साथ लागू करने और हर महीने 100 यूनिट मुफ्त बिजली (free electricity) देने के प्रस्तावों को मंजूरी दे दी। जो उपभोक्ता 100 यूनिट या उससे कम बिजली की खपत करेंगे, उन्हें किसी भी तरह का बिल नहीं देना होगा। राज्य सरकार की कैबिनेट ने इस प्रस्ताव को अपनी सहमति दे दी है। राज्य सरकार 100 से अधिक और अधिकतम 400 यूनिट तक की खपत करने वाले उपभोक्ताओं को सब्सिडी देगी, लेकिन 400 यूनिट से अधिक की खपत करने वालों को 6.75 रुपये प्रति यूनिट की दर से बिल का भुगतान करना होगा।
आपको बता दें कि राज्य में ऐसे उपभोक्ताओं की संख्या करीब 32 लाख है, जो एक महीने में सिर्फ 100 यूनिट बिजली की खपत करते हैं। इनमें से करीब 27 लाख ग्रामीण उपभोक्ता हैं। उल्लेखनीय है कि झारखंड मुक्ति मोर्चा ने 2019 के चुनाव में 100 यूनिट तक बिजली शुल्क माफ करने का वादा किया था। सरकार बनने के करीब ढाई साल बाद वादे को पूरा करने का फैसला लिया गया है। झारखंड राज्य विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के उपभोक्ताओं की कुल संख्या करीब 49 लाख है। इनमें से करीब पचास हजार वाणिज्यिक उपभोक्ता हैं, जो इस दायरे में नहीं आते हैं। उपभोक्ताओं को 100 यूनिट मुफ्त देने से राज्य सरकार पर बोझ बढ़ेगा। उपभोक्ताओं को दी जाने वाली छूट की राशि जेबीवीएनएल को सरकार सब्सिडी के रूप में देगी।
फिलहाल सरकार शहरी उपभोक्ताओं को करीब साढ़े छह करोड़ और ग्रामीण उपभोक्ताओं को करीब 38 करोड़ रुपये प्रतिमाह सब्सिडी के तौर पर देती है। योजना के लागू होने पर सरकार निगम को शहरी उपभोक्ताओं को करीब 16 करोड़ और ग्रामीण उपभोक्ताओं को 60 करोड़ रुपये की सब्सिडी देगी। ऐसे में सरकार पर करीब 30 करोड़ का अतिरिक्त बोझ बढ़ेगा। इस योजना के लागू होने पर पहले की तरह 400 यूनिट से अधिक बिजली की खपत पर सब्सिडी का प्रावधान नहीं है। ऐसे में 100 यूनिट से ज्यादा और 400 यूनिट तक बिजली की खपत करने वाले उपभोक्ताओं को सब्सिडी में राहत मिलेगी।
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