प्राथमिकता राशन कार्ड में प्रतिमाह चावल 15 किलो की कटौती दुर्भाग्यपूर्ण – सिन्हा

कोरबा, 15 जुलाई। सामाजिक कार्यकर्ता विनोद सिन्हा ने जारी एक बयान में बताया कि खाद्य विभाग द्वारा जारी राशन कार्ड धारियों को श्रेणी वार सूची जारी की है जिसमें प्राथमिकता वाले कार्ड धारियों को प्रति कार्ड प्रतिमाह 20 किलो चावल देने की सूची जारी की गई है।


करोना काल के समय खाद्य विभाग द्वारा जारी सूची में प्राथमिकता वाले कार्ड धारियों को प्रदेश शासन द्वारा प्रतिमाह 35 किलो चावल तथा केंद्र द्वारा जारी गरीब कल्याण खाद्य योजना के तहत प्रति कार्ड 5 किलो चावल देना दर्शाया था लेकिन दिनांक 14 जुलाई 2022 को खाद्य विभाग द्वारा जारी नया आदेश में प्राप्त प्राथमिकता वाले राशन कार्ड धारियों को प्रति कार्ड 20 किलो तथा गरीब कल्याण खाद्य योजना का चावल प्रति व्यक्ति 5 किलो देने का आदेश जारी किया है।


सिन्हा ने आगे बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा गरीबों के चावल में हेरा फेरी का कार्य जारी है करोना काल में जहां केंद्र द्वारा जारी गरीब कल्याण खाद्य योजना के तहत चावल में कटौती की गई थी वही अब खाद्य विभाग द्वारा नया आदेश जारी किया गया है प्रदेश सरकार द्वारा जारी प्रत्येक राशन कार्ड में 15 किलो की कटौती की गई है,प्रति कार्ड धारियों को जो प्राथमिकता के श्रेणी में आते हैं उन्हें करोना काल में भी वह वर्तमान में भी उतना ही चावल मिल रहा है अंतर इतना है करोना काल में केंद्र द्वारा जारी चावल में कटौती की गई लेकिन वर्तमान में प्रदेश सरकार द्वारा जारी राशन कार्ड में कटौती की गई है इस तरह से प्रदेश शासन द्वारा गरीबों का चावल जो प्राथमिकता के श्रेणी में आते हैं प्रत्येक कार्ड धारियों का 15 किलो चावल कम देने का आदेश दिया है यानी 20 किलो प्रति कार्ड।


खाद्य विभाग द्वारा जारी2020 कोरोना काल के दौरान गरीब कल्याण खाद्य योजना भारत सरकार द्वारा प्रति व्यक्ति 5 किलो चावल के स्थान पर प्रति कार्ड 5-10 किलो चावल प्राथमिकता वाली काडो में दी गई वर्तमान में खाद्य विभाग के जारी आदेश के तहत प्रति व्यक्ति 5 किलो चावल देने का निर्देश दिया है इससे स्वत:स्पष्ट हो जाता है कि कोरोना काल में गरीब कल्याण खाद्य योजना में भारी घोटाला किया गया है जो जांच का विषय है।
सिन्हा ने आगे बताया कि करोना काल के समय केंद्र द्वारा जारी गरीब कल्याण खाद्य योजना चावल मैं कटौती किए जाने के फलस्वरूप भारतीय जनता पार्टी द्वारा घोटाले का आरोप लगाते हुए आंदोलन किया गया था इसलिए इस बार केंद्र द्वारा जारी चावल में कटौती नहीं की गई है लेकिन प्रदेश शासन द्वारा जारी प्रति कार्ड 35 किलो के स्थान पर 20 किलो दिया जा रहा है यानी प्रति कार्ड 15 किलो की कटौती की गई है जो गरीब विरोधी मानसिकता का परिचायक है इस आदेश को तुरंत वापस लेना चाहिए जिससे गरीबों के साथ न्याय हो सके।