नवजात शिशु की मालिश करते समय ध्यान रखें ये बातें, बच्चे की ग्रोथ के लिए है जरूरी

How To Massage Your Infant: मालिश से शिशु को आराम मिलता है जिससे उसे अच्‍छी नींद आती है। मालिश के इतने फायदे होने के बावजूद बहुत कम लोग ही इस बात से वाकिफ होते हैं कि शिशु के मालिश कब और कैसे करनी चाह

How To Massage Your Infant: आपने दादी-नानी के जमाने से नवजात शिशु को मालिश करने के कई फायदे सुने होंगे लेकिन क्या आप मालिश करने का सही तरीका भी जानती हैं? शिशु की मालिश करने से न सिर्फ बच्चे को सेहत से जुड़े कई लाभ मिलते हैं बल्कि उसका अपनी मां के साथ रिश्ता भी मजबूत बनता है। मालिश से शिशु को आराम मिलता है जिससे उसे अच्‍छी नींद आती है। मालिश के इतने फायदे होने के बावजूद बहुत कम लोग ही इस बात से वाकिफ होते हैं कि शिशु के मालिश कब और कैसे करनी चाहिए। 

शिशु की मालिश करने के फायदे-
इंटरनेशनल एसोसिएशन ऑफ इंफैंट मसाज के अनुसार मालिश करने से शिशु का परिसंचरण और पाचन तंत्र उत्तेजित करने में मदद मिल सकती है। इससे बच्‍चों में गैस, ऐंठन, कोलिक, कब्‍ज जैसी समस्‍याओं से राहत मिलती है। 

मालिश से मांसपेशियों में तनाव भी कम होता है और दर्द एवं दांत निकलने पर होने वाली दिक्‍कतों से भी राहत मिलती है। जिन बच्‍चों का जन्‍म नौ महीने से पहले हो जाता है, उनका भी मालिश करने विकास से अच्‍छा हो सकता है।

मालिश करते समय ध्यान रखें ये बातें-
-बच्चे की मालिश फीड के तुरंत बाद या जब शिशु नींद में हो तब ना करें, बल्कि तब करें जब बच्चा जाग रहा हो।
-शिशु के शरीर पर मालिश करने से पहले थोड़ा सा तेल लगाकर देखें, ताकि एलर्जी का पता लग सके। अगर शिशु को उस तेल से एलर्जी होती है तो तेल बदल दें।
-बच्चे की मालिश करते समय सबसे पहले जमीन पर अपने पैर के तलवों को जोड़कर बैठें फिर शिशु का सिर पैर पर रखें और हल्के से शिशु के सिर से लेकर पैरों तक मसाज करें।
-शिशु की आइब्रो के बीच अपने अंगूठों को रखकर हल्के से मसलें, फिर अंगूठों से शिशु की आंखों को हल्के-हल्के मलें।
-अगर शिशु चिड़चिड़ाने और रोने लगे तो शरीर के किसी और हिस्से पर मसाज करें।
-शिशु के पेट पर अपनी उंगलियों से क्लॉकवाइज मोशन में मसाज करें।
-शिशु के पैर और घुटनों को पकड़कर उन्हें हल्के से पेट की तरफ मोड़ें।
-अपने हाथों को शिशु के पेट पर रखकर धीरे-धीरे सहलाएं।
-बच्चे के सिर को अपने हाथ में पकड़कर दूसरे हाथ की उंगलियों से उसके सिर की मसाज करें।
-शिशु के कान को अंगूठे और इंडेक्स फिंगर के बीच रख हल्के से मसाज करें।
-चेहरे पर दिल के आकार में और उसकी ठुड्डी पर अपने हाथों को मिलाते हुए मसाज करें। 
-अपने हाथों को शिशु की छाती पर रखकर उसकी छाती की हड्डी से लेकर कंधों तक मसाज करें।
-नाक से लेकर गालों तक मसाज करें। अपनी उंगलियों से हल्के से शिशु के जबड़े की मसाज करें।
-छाती की हड्डी से शुरू होकर कंधों से लेकर नीचे तक दिल का आकार बनाएं।
-अपने एक हाथ ये शिशु की कलाई पकड़कर उसके हाथ के ऊपर की तरफ को हल्के से थपथपाके आराम दें।
-अपने दोनों हाथों के बीच शिशु के हाथों को रोल करें।
-शिशु की मसाज 10 से 30 मिनट तक करें।
-शिशु को अपने सामने पीठ के बल लिटाएं और उसके हाथ साइड में नहीं उसके सिर के आगे रखें।
-शिशु के दोनों हाथों को पीछे लाकर गर्दन से लेकर हिप्स तक मालिश करें।
-शिशु के एक पैर को टखने से पकड़कर ऊपर जांघों को मसलकर आराम दें।
-क्रिसक्रॉस तरीके से एक हिप से लेकर उल्टी तरफ करते हुए कंधे तक मसाज करें।

[metaslider id="122584"]
[metaslider id="347522"]