सिटी बसों की मरम्मत का खर्च केंद्र नहीं निगम वहन करें – सिन्हा

कोरबा,14 जुलाई । सामाजिक कार्यकर्ता विनोद सिन्हा ने जारी एक बयान में बताया कि कोरोना काल के समय से सिटी बसों का संचालन बंद हो गया है जिसे पुनः सिटी बस चलाने हेतु पिछले ढाई साल से लगातार पत्र व्यवहार के माध्यम सिटी बस प्रारंभ करने जिसके फल स्वरुप अब सिटी बस चलने की उम्मीद लग रही है जर्जर सिटी बसों के मरम्मत के लिए एक करोड़ से अधिक खर्च हुए हैं जिसकी भरपाई केंद्र सरकार से ली जा रही है जो गलत है क्योंकि नगर निगम की उदासीनता के कारण बसे जर्जर हुई थी इसका भुगतान नगर निगम को करना चाहिए।


भारत सरकार द्वारा अर्बन शहरी क्षेत्रों में गरीबों मजदूरों तथा विद्यार्थियों के लिए शहर में आवागमन के लिए सस्ती दरों पर सिटी बसों का संचालन किया था सिटी बसों के संचालन का कार्यभार सभी नगर निगम व नगरीय निकाय को सौंपा गया था कोरोना लगते ही बसों के पहिए थम गए जब बसों का संचालन शुरू हुआ तो सिटी बस व्यवस्थापको ने तरह-तरह के बहाने बनाकर सिटी बस सड़कों पर दौड़ाने से मना कर दिया जिसके फलस्वरूप ढाई वर्षो से प्रदेश सहित कोरबा के शहरी क्षेत्रों के रहने वाले गरीबों,मजदूरों तथा विद्यार्थियों को अधिक रकम पर यात्रा करनी पड़ रही है जिसके चलते आम जनता परेशान है।
कोरबा नगर निगम में बस ठेकेदार द्वारा यह कह कर बसें चलाने से इनकार कर दिया गया था डीजल की दरें बढ़ गई है इसलिए बस किराया बढ़ाई जाए साथ साथ सब्सिडी बढ़ाने पर भी विचार किया जाए जिसके फलस्वरूप नगर निगम ने यह कह कर बस व्यवस्थापक की मांग खारिज कर दिया कि ठेका अवधि में ना तो किराया बढ़ाया जाएगा नहीं सब्सिडी दी जाएगी जिसके फलस्वरूप सिटी बसें नहीं चली नगर निगम में सिटी बसों के व्यवस्थापक की जमा रक्षा धन एक करोड़ राजसात करने की घोषणा कर दी इसके पश्चात सिटी बस व्यवस्थापक ने माननीय उच्च न्यायालय में मामला दायर कर नगर निगम द्वारा जमा रक्षा धन वापस मांगने की अपील की जिस पर माननीय न्यायालय छत्तीसगढ़ बिलासपुर ने स्थगन आदेश जारी कर दिया, सुरक्षा धन राजसात करने पर रोक लगा दी माननीय हाईकोर्ट के आदेश के बहाने बनाकर निगम सिटी बस संचालन से हाथ खड़ा कर दिया जबकि माननीय हाईकोर्ट ने सिटी बस चलाने पर रोक नहीं लगाई थी लेकिन नगर निगम का कहना था कि माननीय हाईकोर्ट ने रोक लगा दिया है इसलिए माननीय हाईकोर्ट में मामला लंबित होने के कारण निगम सिटी बस चलाने में असमर्थ है जबकि नगर निगम ने जानबूझकर सिटी बसों को चलाने हेतु कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं किया जिसके चलते कोरबा शहरी क्षेत्र को आम जनता को आर्थिक क्षति तथा परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है वहीं दूसरी ओर प्रदेश सरकार द्वारा जारी एक आदेश में कहा गया था कि जल्द ही सिटी बसों का संचालन किया जाएगा.।


मिली जानकारी के अनुसार प्रदेश स्तर पर सिटी बस चलाने हेतु टेंडर स्वीकार कर ली गई है जो पूरे प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में जल्द से जल्द सिटी बसों का संचालन प्रारंभ किया जाएगा जिसमें कोरबा भी शामिल है मिली जानकारी के अनुसार कोरबा में संभवत अगले सप्ताह सिटी बसों का संचालन प्रारंभ हो जाएगी क्योंकि जर्जर सिटी बसों की मरम्मत कार्य पूरी हो गई है मरम्मत कार्य में लगभग एक करोड़ से अधिक खर्च हुए हैं जिसकी भरपाई केंद्र सरकार करेगी नगर निगम के उदासीनता के चलते सिटी बसों का संचालन नहीं होने से सिटी बसें जर्जर हो गई जिसमें केंद्र सरकार की एक करोड़ से अधिक राशि खर्च की गई है जिसकी भरपाई नगर निगम करें


मिली जानकारी के अनुसार पिछले सप्ताह कोरबा में सिटी बस प्रारंभ करने के लिए मुख्यमंत्री के कोरबा कार्यक्रम का इंतजार किया जा रहा है अगर कार्यक्रम नहीं बना तो वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सिटी बसों का संचालन अगले सप्ताह प्रारंभ हो जाएगी।