रायपुर । जनसंख्या स्थिरीकरण पखवाड़ा के द्वितीय चरण में आयोजित होने वाली गतिविधियों के क्रियान्वयन पर विभाग के उच्च अधिकारियों और कर्मचारियों के बीच आज चर्चा की गई । इसका उद्देश्य परिवार नियोजित करने के बारे मौजूद साधनों और प्रदान की जाने वाली सेवाओं की जानकारी से विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों को अवगत कराना था।
परिवार नियोजन के नोडल अधिकारी डॉ.एसके सिन्हा ने जिले में चल रहे परिवार नियोजन कार्यक्रम एवं उसके अंतर्गत की जा रही गतिविधियों से वहां उपस्थित अधिकारियों और कर्मचारियों को विस्तार से बताया । उन्होंने कहा परिवार नियोजन को लेकर लोगों के व्यवहार परिवर्तन की जरूरत है। पुरुष नसबंदी सरल, सुरक्षित और महिला नसबंदी से बेहद आसान विधि है, इसलिए योग्य और इच्छुक लाभार्थी आगे आकर इस विधि का चुनाव करें तथा इसका लाभ उठायें। लोगों को बताया जाए कि परिवार की खुशहाली के लिए प्लान करके आगे बढ़े, साथ ही लोगों को बताए लड़की की शादी सही उम्र में यानि 18 साल के बाद होनी चाहिए, परिवार को नियोजित करने के छोटे परिवार की बात करे । दो बच्चों में कम से कम 3 साल का अंतर रखना चाहिए । बच्चों में अंतर रखने के लिए गर्भनिरोधक साधनों का उपयोग करें। हितग्राहियों को अधिक जानकारी लेने के लिए अपने निकटतम सरकारी अस्पताल, एएनएम, मितानिन आंगनबाड़ी कार्यकर्ता से भी संपर्क कर सकते हैं ।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मीरा बघेल ने इस अवसर पर कहा: ‘’जिले में जून 27 से जनसंख्या स्थिरीकरण पखवाड़े का आयोजन किया जा रहा है । यह पखवाड़ा दो चरणों में आयोजित हो रहा है । पखवाड़े में परिवार को सीमित रखने के फायदे और सुविधाओं पर ज़ोर दिया जा रहा है । प्रथम चरण में दंपति सम्पर्क पखवाड़ा होता हैं जिसमे एएनएम के द्वारा सर्वे करके परिवार नियोजन के विभिन्न साधनों के सहमति दिए दंपति का लाइन लिस्ट तैयार किया जाता हैं जिसे सेवा प्रदान पखवाड़ा में करवाया जाता हैं ।‘’
उन्होंने कहा परिवार नियोजन के अस्थाई साधन अंतरा गर्भनिरोधक इंजेक्शन, छाया साप्ताहिक गर्भनिरोधक गोली, आईयूसीडी/कॉपर-टी, माला एवं गर्भनिरोधक गोली, कंडोम, ईजी पिल्स (आकस्मिक गर्भनिरोधक गोली) है । वहीं स्थाई साधन में पुरुष नसबंदी, और महिला नसबंदी है । यह सभी सेवाएं सरकारी स्वास्थ्य केन्द्रों में निशुल्क उपलब्ध हैं।
राष्ट्रीय परिवार एवं स्वास्थय सर्वेक्षण (एन ऍफ़ एच एस – 5) के आंकड़ों के अनुसार रायपुर जिले में 76.8% योग्य दम्पति आधुमिक गर्भनिरोधक साधनों का उपयोग करते है वही 58.2% महिलाएं न्सबन्धी करवाती है जबकि पुरुषों में यह प्रतिशत 0.5% ही है।
पुरुषों की भागीदारी बढाने के लिए ही जनसँख्या स्थिरता पखवाड़े के दौरान पुरुष नसबंदी पर विशेष जोरे दिया जाता है।
प्रजनन, मातृ, नवजात, बाल और किशोर स्वास्थ्य (आरएमएनसीएचए) की जिला सलाहकार डॉ.निकिता पवार ने बताया प्रत्येक ब्लॉक में सबसे ज्यादा नसबंदी के लिए प्रेरित करवाने वाले ग्रामीण स्वास्थ्य संयोजक (आरएचओ) (महिला/पुरुष) को प्रथम पुरस्कार 2000/ रुपए एवं द्वितीय पुरस्कार 1000 रुपए शासन की तरफ से प्रदान किया जाएगा।
इस अवसर पर, 50 बिस्तर अस्पताल शहरी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र की प्रभारी डॉ.पामभोई, डॉ.निलय मोजरकर , डॉ.पूजा प्रजापति स्त्री रोग विशेषज्ञ, डॉ.आशीष गुप्ता, डॉ.अदी श्री , अस्पताल के स्टाफ एवं मितानिन और लाभार्थी उपस्थित हुए। मंच संचालन मीडिया प्रभारी गजेन्द्र डोंगरे द्वारा किया गया।
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