आरोपियों ने ह्त्या के साथ-साथ 8 जुलाई को लूट के वारदात को भी अंजाम दिया था।
रायपुर। रायपुर के एक्सप्रेस वे में हुए अंधे क़त्ल की गुत्थी पुलिस ने कुछ ही घंटे में सुलझा ली। पुलिस के अनुसारपुलिस ने बताया, आरोपियों ने लूट को अंजाम देने की नियत से दुखित राम यादव पर पहले चाकू से वार कर उसका मोबाईल फोन लूट लिए थे। दुखित को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां 9 जुलाई को उसके मृत्यु हो गई थी। वारदात को अंजाम देने के बाद भावेश यादव, नंदू सोना और चेतन निषाद ओडिसा फरार हो गए थे। आरोपी भावेश यादव और अजय पहले पूर्व में भी चोरी के प्रकरणों में जेल निरूद्ध रह चुके हैं। चारों नशीले प्रवृत्ति के हैं।
आरोपियों के कब्जे से मृतक का मोबाईल फोन, घटना में प्रयुक्त चाकू और घटना के दौरान आरोपियों द्वारा पहने गये कपड़ों को जप्त किया है।
पुलिस को पूछताछ में चारों ने बताया कि घटना के दिन सभी खम्हारडीह के एक सूनसान स्थान में बैठकर शराब पी रहे थे, शराब पीने के दौरान चारों ने लूट करने की योजना बनाई और लूट की घटना को अंजाम देने की नियत से एक्सप्रेस-वे रोड के एक अंधेरे व सूनसान स्थान पर खड़े हो गये।
कार्रवाई में एण्टी क्राईम और सायबर यूनिट से प्रधान आरक्षक कृपासिंधु पटेल, मोहम्मद सुल्तान, महेन्द्र राजपूत, आरक्षक राजिक खान, दिलीप जांगड़े, प्रमोद बेहरा, उपेन्द्र यादव, रवि तिवारी, विकास क्षत्री, संतोष सिन्हा, घनश्याम साहू, महिला आरक्षक बबीता देवांगन और थाना खम्हारडीह से सहायक उपनिरीक्षक रमेश चंद यादव की महत्वपूर्ण भूमिंका रही।
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