तिलई गौठान का जिपं सीईओ डॉ. फरिहा आलम सिद्दिकी ने किया निरीक्षण

गौठान में समूह की महिलाओं से मिली जिपं सीईओ, महिलाओं ने कहा कि गौठान से हो रही हैं लाभान्वित

जांजगीर-चांपा । जिला पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ. फरिहा आलम सिद्दिकी ने सोमवार को जनपद पंचायत अकलतरा की मॉडल गौठान तिलई का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने मुर्गीपालन, बतखपालन, मशरूम उत्पादन, सब्जी उत्पादन की जानकारी लेते हुए स्व सहायता समूहों की महिलाओं से चर्चा की। समूह की महिलाओं ने जिपं सीईओ को बताया कि वे गौठान में चल रही आजीविका गतिविधियों से लाभान्वित हो रही है और आर्थिक रूप से मजबूत हुई हैं। इस दौरान जनपद पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी सत्यव्रत तिवारी भी मौजूद रहे।

जिपं सीईओ ने निरीक्षण करते हुए कहा कि गौठान से समूह की महिलाओं को स्वरोजगार की गतिविधियों से जोड़ते हुए आर्थिक रूप से मजबूत बनाना है। जिससे गौठान के माध्यम से जो ग्राम स्वराज की कल्पना की गई है वह साकार हो सके। उन्होंने इस दौरान भारती स्व सहायता समूह, जय दुर्गा स्व सहायता समूह, गायत्री समूह, जय मॉ अन्नधारी स्व सहायता समूह, आरती स्व सहायता समूह एवं सीता स्व सहायता समूह की महिलाओं से उनके कार्यों के बारे में विस्तार से जानकारी ली। समूह की महिलाओं ने जिपं सीईओ को बताया कि गौठान के माध्यम से आजीविका संवर्धन की गतिविधियों से जोड़कर महिलाओं को आगे बढ़ाने का जो काम किया जा रहा है वह काबिलेतारीफ है।

समूह की महिलाओं ने जिपं सीईओ को बताया कि वे गौठान में संचालित मुर्गीपालन, बतखपालन, सब्जी उत्पादन, मशरूम उत्पादन, वर्मी कम्पोस्ट आदि गतिविधियों से जुड़कर आर्थिक रूप से मजबूत हुई हैं। इससे होने वाली आमदनी से परिवार की स्थिति भी मजबूत हो रही है। समूह की महिलाओं ने बताया कि गौठान में आजीविका संवर्धन गतिविधियों से होने वाले लाभ से मिली राशि से उन्होंने बच्चों की शिक्षा, घर की मरम्मत, शादी-विवाह आदि में उपयोग किया है। उन्होंने समूह की गतिविधियों के संचालन को लेकर प्रसन्नता व्यक्त की और कहा कि ऐसे ही समूह की महिलाओं को आगे आकर कार्य करना जरूरी है। इस दौरान सरपंच तीजराम यादव, उपसरपंच, एडीईओ बैजनाथ राठौर, सचिव युगलकिशोर शुक्ला आदि मौजूद रहे।

गौठान की खाली जगह पर लगाएं पौधे :
जिपं सीईओ ने तिलई गौठान में पौधरोपण करने कहा साथ ही बतख तालाब के पास खाली पड़ी जमीन पर गेंदा फूल लगाने कहा। उन्होंने इस दौरान नेपीयर घास का एरिया बढ़ाने कहा ताकि अधिक से अधिक गायों के लिए घास की व्यवस्था हो सके। इसके अलावा सतत रूप से गोबर खरीदी करने, वर्मी कम्पोस्ट तैयार करने कहा।

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