कोरबा 11जुलाई (वेदांत समाचार)।सामाजिक कार्यकर्ता विनोद सिन्हा ने जारी एक बयान में बताया कि नगर पालिक निगम में वार्ड क्रमांक 01 से 67 तक सभी वार्डों में जन समस्या निवारण के बावजूद अभी भी समस्याओं का अंबार देखा जा रहा है समाचार पत्रों में आए दिन नगर निगम द्वारा कार्य नहीं किए जाने तथा कलेक्टर के जनदर्शन में समस्याओं से संबंधित आवेदकों के समस्याएं भी लंबित रखी जा रही है आवेदन देने के बावजूद अतिक्रमण नहीं हटाने तथा जनहित के मुद्दों को अनदेखी करना नियति बन गई है कोई भी ऐसा वार्ड अछूता नहीं है जहां समस्याओं का अंबार न होl
सिन्हा ने आगे बताया कि नगर निगम में विशेष रुप से अतिक्रमण लगातार बढ़ रही है उदाहरण के तौर पर रिकार्डो चौक नेहरू नगर के पीछे रेलवे के किनारे लगातार अवैध कब्जा हो रहा है इसी तरह अन्य वाडो में भी अवैध कब्जा जारी है साथ ही साथ शहर की सप्ताहिकी बाजारों को अतिक्रमणकारियों के चलते बाजारो के रकबा आधा हो गई है कई बार बाजारों के सीमांकन की मांग की जाती रही है ताकि अवैध कब्जा से मुक्त किया जा सके लेकिन निगम को कोई ध्यान नहीं है निगम अधिकारियों को जानकारी होने के बावजूद कार्यवाही नहीं होती, कार्यवाही ऐसी जगह की जाती है जहां आर्थिक लाभ की संभावना होती है इसी तरह से नया बस स्टैंड में 1 महीने से बिजली नहीं होने के कारण पंखे बंद है तथा प्रतीक्षालय जर्जर होने के कारण सीपेज हो रहा है, जिससे यात्रियों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है न्यू बस स्टैंड में सुलभ शौचालय से पानी खरीद कर बस वाले बसों की धुलाई कर रहे है जिसके कारण बस स्टैंड में पानी के चलते गंदगी फैल रही है कई बार निगम को सुझाव दिया गया की गाड़ी वास करने हेतु अलग से सफाई वास स्थापित किया जाए ताकि निगम को शुल्क भी मिला करें और साफ- सफाई भी होता रहे इसी तरह डीजल- पेट्रोल की खपत प्रति माह दुगुने से भी अधिक दिखाई जा रही है जो भ्रष्टाचार का घोतक है नगर निगम की कुल बजट का 60% से भी की स्थापना व्यय में खर्च हो रहा है उदाहरण के तौर पर अधिकारियों, कर्मचारियों, पार्षदों, एल्डरमैन, सभापति व महापौर आदि के वेतन भत्तों में खर्च होना इसके अतिरिक्त निगम के रखरखाव मे व्यय होने के पश्चात 40% से कम राशि ही विकास विकास के लिए बच रही है उसने भी कमीशन खोरी के कारण विकास की यदा-कदा की खानापूर्ति की जा रही है इससे तो अच्छा था कि कोरबा अनुसूचित क्षेत्र होने के चलते पूर्व में विशेष विकास प्राधिकरण के तहत विकास कार्य वर्तमान नगर निगम से अधिक विकास कार्य हो रहे थे तो आज के समय में कोरबा में नगर निगम के उद्देश्य विफल साबित हो रहे हैं, जिससे आम जनता को अब नगर निगम से शहर के विकास की कोई उम्मीद नजर नहीं आ रहीl
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