जनपद पंचायत सीईओ प्रतिदिन गोबर खरीदी की करें मॉनीटरिंग : डॉ. फरिहा आलम

जिला पंचायत सीईओ ने जनपद पंचायतवार की गोधन न्याय योजना की समीक्षा

जांजगीर-चांपा। जिला पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ. फरिहा आलम सिद्दिकी ने शुक्रवार को अपने कक्ष में गौठान निर्माण, गोधन न्याय योजना की सिलसिलेवार समीक्षा बैठक ली। उन्होंने बैठक में जनपद पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को गौठान में प्रतिदिन गोबर खरीदी की मॉनीटरिंग करने के निर्देश दिए। इसके साथ ही उन्होंने गौठान में मूलभूत सुविधाएं बिजली, पानी, साफ-सफाई, चारा आदि की व्यवस्था करने कहा।

जिपं सीईओ ने कहा कि राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी योजना नरवा, गरूवा, घुरूवा और बाडी है। गौठान में गोधन न्याय योजना के माध्यम से गोबर की खरीदी की जा रही है। यह महत्वपूर्ण योजना है जिसकी राज्य सरकार द्वारा गंभीरता के साथ समीक्षा की जाती है, इसलिए किसी तरह की कोई लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्हांेने कहा कि गौठान में प्रतिदिन गोबर खरीदी की जाए और उसे पानी से बचाने के लिए सुरक्षित रखा जाए। उन्होंने कहा कि गोबर खरीदी के बाद उसके सूखने के बाद उसको वर्मी कम्पोस्ट टैंक में डाला जाए और समय आने के बाद उससे वर्मी खाद को महिला स्व सहायता समूहों के माध्यम से तैयार कराया जाए। उन्होंने कहा कि जपं सीईओ गौठान की नियमित मानीटरिंग करने एवं गोबर, खाद की ऑनलाइन एंट्री करवाने के लिए जनपद पंचायत स्तर पर 4 सदस्यीय टीम गठित करें जो प्रतिदिन रिपोर्ट तैयार करे।

गौठान में गायों को पहुंचाने पशुपालकों को करें प्रेरित
जिपं सीईओ ने कहा कि गायों को गौठान में ही पहुंचाने की व्यवस्था की जाए। रोका-छेका अभियान के माध्यम से ग्राम पंचायतों में ग्रामीणों, किसानों को प्रेरित करते हुए अपनी गायों को खुले में न छोड़कर उसे गौठान में ही भेजने के लिए प्रेरित करें। ताकि किसानों को धान की फसल लगाने में कोई दिक्कत न हो। गौठान में गायों के आने पर उन्हें पानी, चारा आदि की व्यवस्था की जाए। इसके अलावा उन्होंने कहा कि गौठान में गायों के लिए भरपूर मात्रा में चारा मिल सके इसके लिए चारागाह में अधिक से अधिक नेपियर घास, मक्का आदि को लगाया जाए।

समूहों की गौठान में बढ़ाएं भूमिका
जिपं सीईओ ने कहा कि गौठान में समूहों की भूमिका को बढ़ाया जाए। अधिक से अधिक समूह गौठान में बनाए गए एसएचजी शेड में कार्य करें। उन्होंने कहा कि समूह के माध्यम से मछलीपालन, मशरूम उत्पादन, बकरीपालन, मुर्गीपालन, मसाला, दोना-पत्तल की गतिविधियां कराई जाएं, जिससे उनकी आर्थिक आय में इजाफा हो सके। उन्होंने जनपद पंचायत सीईओ से कहा कि सभी गौठानों में समूह की महिलाओं की सहभागिता नजर आनी चाहिए।