जनप्रतिनिधियों का सुझाव : नगरीय निकायों मे निधियों का निर्धारण जनसंख्या के हिसाब से किया जाए

रायपुर संभाग के जनप्रतिनिधियों की वित्त आयोग के साथ बैठक

रायपुर। राज्य वित्त आयोग के अध्यक्ष सरजियस मिंज ने रायपुर संभाग के पंचायती राज संस्थाओ के प्रतिनिधियोें से 7 जुलाई को एवं नगरीय निकाय के प्रतिनिधियों के साथ आज 8 जुलाई को रेडक्रॉस सभाकक्ष में संवाद किया।

रायपुर संभाग के पांचो जिलों के आए नगरीय निकाय के प्रतिनिधियों ने आयोग को नगरीय क्षेत्रो में किये जा सकने वाले विकास कार्यों को अवगत कराया। जन प्रतिनिधियों ने बताया कि निकायों में आर्थिक स्त्रोत के साधन कम और खर्च अधिक है। नगरीय निकायों में रहने वाले लोगों की सुविधाओं के लिए अपेक्षाएं बहुत होती है। कम आय की वजह से अनेक समस्याओं का सामना करना पडता है। जनसंख्या के हिसाब से नगरीय निकायों मे विभिन्न निधियों का निर्धारण किया जाए। इससे छोटे-छोटे काम को करने में आसानी होगी। स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने सुझाव दिया कि नगरीय निकायों मे मुद्रांक शुल्क, चुंगी क्षतिपूर्ति सहित अन्य करों का भुगतान समय पर हो जाए तो भी बहुत से कार्यो को करने में आसानी होगी। नगरीय क्षेत्रों में स्थापित राजस्व कर का 75 प्रतिशत राशि दी जानी चाहिए। नगरीय क्षेत्रों के चँहुमुखी विकास के लिए निेकायों को और अधिक शक्ति दिया जाना उचित होगा।

ज्ञात हो कि पंचायती राज संस्थाओं एवं शहरी स्थानीय निकायों के लिए अनुशंसाएं देने हेतु चतुर्थ राज्य वित्त आयोग का गठन किया गया है। आयोग द्वारा 2025 से 2030 की अवधि के लिए अनुशंसाएं की जायेगी। स्थानीय निकायों की आर्थिक समीक्षा तथा संभाग के स्थानीय निकायों के प्रतिनिधियों से आज राज्य वित्त आयोग छत्तीसगढ़ द्वारा चर्चा की गई। आयोग द्वारा रायपुर संभाग के पाँचों जिलों के नगरीय निकाय के चयनित प्रतिनिधियों के साथ अलग-अलग चर्चा कर सुझाव प्राप्त किये गए।

इस संवाद मे रायपुर संभाग के पांचो जिलों के नगरीय निकायों के जनप्रतिनिधि, रायपुर संभाग के उपायुक्त द्वय आनंद कुमार मसीह और सरिता तिवारी सहित संबंधित निकायों के अधिकारी उपस्थित थे।

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