चर्या शिरोमणि विशुद्ध सागर का ससंघ चातुर्मास रायपुर में

आचार्य श्री का प्रवेश 10 जुलाई को, चातुर्मास स्थापना 12 को

रायपुर । दिगम्बर जैन संत जो अपनी चर्या के लिये पहचाने जाते है जिनको चर्या शिरोमणि कहा जाता है । ऐसे संत आचार्य विशुद्ध सागर का ससंघ चातुर्मास छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में खंडेलवाल दिगंबर जैन मंदिर सन्मति नगर, फाफाडीह रायपुर मे होने जा रहा है। आचार्य का अपने 21 शिष्यों के साथ 10 जुलाई, रविवार को दोपहर में प्रवेश होने जा रहा है। रायपुर के इतिहास में ये प्रथम बार है कि 22 निर्ग्रन्थ साधु एक साथ चातुर्मास कर रहे है।

राजधानी के साथ साथ पूरा छत्तीसगढ़ व रायपुर मुख्य मार्ग में होने तथा सड़क, वायुमार्ग, रेल मार्ग सुगमता से उपलब्ध होने के कारण पूरे देश व विदेश से भी भक्तगणों को धर्म लाभ मिल सकेगा। आचार्य संघ के चातुर्मास के लिये देश के विभिन्न प्रान्तों से समाज के लोगों ने श्रीफल अर्पित कर निवेदन किया, किन्तु छत्तीसगढ़ व राजधानी रायपुर का भाग्य प्रबल था जिससे उन्हें इस वर्ष 2022 का वर्षायोग कराने का सौभाग्य मिला।

2021 का चातुर्मास तीर्थराज सम्मेद शिखर मे करने के पश्चात झारखंड से विहार कर रायपुर चातुर्मास हेतु हजारों किलोमीटर की पदयात्रा करते हुए तथा मार्ग में आने वाले स्थानों में कई जिन मंदिरों की प्रतिष्ठा भी आचार्य संघ के ससंघ सानिध्य में सम्पन्न हुई। अंत मे मध्यप्रदेश के जबलपुर के जिनालय में भी नवीन मंदिर की प्रतिष्ठा करा रायपुर की ओर विहार करते हुए मंडला, चिल्फी , कवर्धा , बेमेतरा, होते हुए सिमगा में गुरु शिष्य मिलन हुआ जिसमें मुनि सुयश सागर व सदभाव सागर छुल्लक श्रुत सागर ने अपने गुरु व संघ के अन्य मुनिगणों से मिलन किया ।

आचार्य संघ के चातुर्मास रायपुर में होने के कारण पूरे छत्तीसगढ़ के जैन समाज, स्थानीय जैन समाज तथा विशुद्ध वर्षायोग 2022 समिति के सभी पदाधिकारियों में खुशी की लहर है । सभी लोग इस चातुर्मास को भव्यता व ऐतिहासिक बनाने तन मन धन से प्रयासरत है । विद्वान व जीवन में आगम अनुसार चर्या करने वाले आचार्य जिन्होंने अभी तक 150 ग्रंथों की रचना कर प्रकाशित करवाया, 45 दीक्षाएं प्रदान की, 105 नवीन जिनालयों की प्रतिष्ठा की । 30 चातुर्मास किये जिसमें स्वयं के जीवन मे भी धर्म को उत्तरोत्तर गति प्रदान की तथा समाज को अपनी क्रियाएं व प्रवचन के माध्यम से धर्म मार्ग में अग्रसर कराया। आचार्य संघ के कई अन्य साधु देश के विभिन्न स्थानों में चातुर्मास की स्थापना कर समाज को धर्म लाभ दे रहे है।

आचार्य संघ का 10 जुलाई, रविवार को प्रवेश होने के पश्चात 12 जुलाई, मंगलवार को दोपहर 1 बजे से दिगम्बर जैन मंदिर सन्मति नगर फाफाडीह में चातुर्मास कलश की आगम विधि विधान पूर्वक स्थापना की जाएगी, जिसमे हजारों की संख्या में भक्तगण देश के विभिन्न प्रान्तों से आएंगे व इस मांगलिक क्रियाओं के साक्षी बन धर्म लाभ लेंगे।

13 जुलाई को गुरुपूर्णिमा के पावन अवसर पर विभिन्न धार्मिक कार्यक्रम आयोजित होंगे तथा 14 जुलाई, गुरुवार को वीर शासन जयंती मनाई जाएगी। प्रतिदिन विशुद्ध सभा गृह में प्रातः 8.30 बजे से श्रमण सुतं तथा दोपहर 3.30 बजे से परमात्म प्रकाश पर प्रवचन होंगे। मध्यप्रदेश के जबलपुर से रायपुर विहार कराने का सौभाग्य चातुर्मास के शिरोमणि संरक्षक, स्थानीय समाज के सदस्य गुरुभक्त परिवार सुधीर रितेश, मितेश अरिहंत बाकलीवाल परिवार को प्राप्त हुआ। इसके अलावा पूरे चातुर्मास में प्रतिदिन कई धार्मिक कार्यक्रमो का आयोजन होगा जिससे समाज के सदस्य धर्म के मार्ग पर अग्रसर होकर जीवन मे आमूलचूल परिवर्तन कर अपना जीवन सफल कर सकें।

विशुद्ध वर्षायोग 2022 समिति के अध्यक्ष प्रदीप पाटनी व महामंत्री राकेश बाकलीवाल एवं समाज व समिति के पदाधिकारियों ने निवेदन किया है कि इस चातुर्मासिक काल मे सभी अधिक से अधिक धार्मिक कार्यक्रमों में सहभागिता देकर इस चातुर्मास से धर्म लाभ भी लें तथा इसे ऐतिहासिक बनाने में सहयोग दें।