भूपेश कैबिनेट की अहम बैठक आज

रायपुर,7 जुलाई । मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में आज दोपहर 12 बजे से मुख्मयंत्री निवास कार्यालय में मंत्रिपरिषद की बैठक होगी। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल इसके पश्चात दोपहर 2.30 बजे से मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में ही आयोजित कार्यक्रम में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए गोधन न्याय योजना के हितग्राहियों, गौठान समितियों एवं महिला समूहों तथा राज्य डेयरी उद्यमिता विकास योजना के हितग्राहियों को 10 करोड़ 97 लाख 63 हजार रूपए की राशि उनके बैंक खातों में ट्रांसफर करेंगे। गौरतलब है कि गोधन न्याय योजना के तहत 7 जुलाई को पशुपालक ग्रामीणों, गौठानों से जुड़ी महिला समूहों और गौठान समितियों को 10 करोड़ 84 लाख रूपए की राशि जारी की जाएगी,

जिसमें 15 जून से 30 जून तक राज्य के गौठानों में पशुपालक ग्रामीणों, किसानों, भूमिहीनों से क्रय किए गए गोबर के एवज में 3.69 करोड़ रूपए भुगतान, गौठान समितियों को 4.31 करोड़ और महिला समूहों को 2.84 करोड़ रूपए की लाभांश राशि शामिल हैं। गोधन न्याय योजना अंतर्गत अब तक हितग्राहियों को 283 करोड़ 10 लाख रूपए का भुगतान किया जा चुका है। 07 जुलाई को 10.84 करोड़ के भुगतान के बाद यह आंकड़ा 293 करोड़ 94 लाख रूपए हो जाएगा। गोधन न्याय योजना से 2 लाख 11 हजार से अधिक ग्रामीण, पशुपालक किसान लाभान्वित हो रहे हैं। गोबर बेचकर अतिरिक्त आय अर्जित करने वालों में 45.97 प्रतिशत संख्या महिलाओं की है। इस योजना से एक लाख 33 हजार से अधिक भूमिहीन परिवार लाभान्वित हो रहे हैं।उल्लेखनीय है.

कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल 07 जुलाई को कांकेर जिले के पोटगांव गौठान, कोण्डागांव के बोलबोला गौठान, बलौदाबाजार के पुरैना खपरी गौठान, दुर्ग के मोहलई गौठान एवं रायगढ़ के बनसियां गौठान से जुड़े 25 हितग्राहियों को उनके द्वारा गौठानों में स्थापित डेयरी इकाई हेतु राशि 13 लाख 63 हजार 500 रूपए की अनुदान जारी करेंगे। इन हितग्राहियों ने राज्य डेयरी उद्यमिता विकास योजना का लाभ उठाकर गौठानों में ही डेयरी यूनिट स्थापित की है। राज्य डेयरी उद्यमिता विकास योजना वर्ष 2019 से संचालित की जा रही है। इस योजना के तहत इच्छुक हितग्राहियों को उन्नत देसी नस्ल अथवा उच्च संकर नस्ल की दो दुधारू गाय अथवा भैंस दिये जाने का प्रावधान है। डेयरी इकाई की लागत एक लाख 40 हजार रूपए होने पर सामान्य एवं अन्य पिछड़े वर्ग के हितग्राहियों को 70 हजार तथा अनुसूचित जाति एवं जनजाति के हितग्राहियों को 93 हजार 200 रूपए का अनुदान दिया जाता है।

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