शासकीय सेवक हैं, जनता के प्रति जवाबदार होना होगा : तारन प्रकाश सिन्हा

कलेक्टर ने ईमानदारी, पारदर्शिता और समय-सीमा में काम करने के दिए निर्देश

जांजगीर-चाम्पा 5 जुलाई । कलेक्टर तारन प्रकाश सिन्हा ने आज जिले के अधिकारियों की पहली बैठक ली। समय सीमा की बैठक के साथ उन्होंने अधिकारियों का न सिर्फ परिचय जाना, अपितु शासन की योजनाओं के क्रियान्वयन की भी समीक्षा की। कलेक्टर ने इस दौरान अधिकारियों से कहा कि हम सभी सरकार के शासकीय सेवक हैं और हमें जनता के प्रति जवाबदार होना होगा। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल स्वयं फील्ड पर जाकर आम जनता से भेंट-मुलाकात कर रहे हैं, ऐसे में हम सबकी जिम्मेदारी है कि फील्ड पर जाकर कार्यों का सतत् निरीक्षण करें। आम जनता और जनप्रतिनिधियों का सम्मान के साथ पत्रकारों को जानकारी देना भी हम सबकी दायित्वों में शामिल होना चाहिए। जांजगीर-चांपा जिले में अच्छे कार्यों की परंपरा रही है, इसलिए हम सभी ईमानदारी, पारदर्शिता के साथ किसी भी कार्यों को समय-सीमा के भीतर सुनिश्चित करें।

कलेक्टर तारन प्रकाश सिन्हा ने जिले में धान खरीदी, राजीव गांधी किसान न्याय योजना, राजीव गांधी भूमिहीन न्याय योजना, गोधन न्याय योजना, नरवा विकास योजना, चिटफंड राशि वापसी, राजीव युवा मितान योजना, मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना, आत्मानंद स्कूल, मुख्यमंत्री सुपोषण योजना, मुख्यमंत्री हाट बाजार योजना, मुख्यमंत्री स्लम स्वास्थ्य योजना, नजूल पट्टों का नवीनीकरण आवंटन ,राजस्व प्रकरणों का निराकरण, स्वसहायता समूहों का    सुदृढ़ीकरण, अमृत सरोवर योजना, स्वच्छता अभियान (स्वच्छ भारत मिशन), प्रधानमंत्री आवास योजना, सोसायटी भवनों का निर्माण, जाति प्रमाण पत्र, निर्माण कार्यों की स्थिति, जल जीवन मिशन, डी. एम. एफ., खाद्य, बीज की उपलब्धता, सिंचाई सुविधा का विकास, वाटर हार्वेस्टिंग, हमर लैब, चिकित्सालयों का सुदृढ़ीकरण, प्रधानमंत्री खाद्य सुरक्षा योजना, सार्वजनिक वितरण प्रणाली, जन शिकायत निवारण, लोक शिक्षण मद के कार्य, आश्रम – छात्रावास निरीक्षण, कौशल विकास, लोक सेवा गारंटी अधिनियम, फसल बीमा की समीक्षा की । उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि शासन की सभी महत्वपूर्ण योजनाओं का एसडीएम स्तर पर अनिवार्य रूप से निरीक्षण होना चाहिए। मैदानी कर्मचारियों की कार्यस्थल पर उपस्थिति और आमनागरिकों के समस्याओं का निराकरण सुनिश्चित की जानी चाहिए। सोमवार को सभी अधिकारियों की उपस्थिति कार्यालय में निर्धारित समय पर हो, यह भी सुनिश्चित करने के कलेक्टर ने निर्देश दिए। उन्होंने दूरस्थ क्षेत्रों के अधिकारियों को जिला मुख्यालय में बैठक में आने की बजाय वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जुड़कर शामिल होने के भी निर्देश दिए।

कुपोषण हटाने अभियान चलाए –

कलेक्टर श्री सिन्हा ने महिला एवं बाल विकास विभाग, स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया कि जिले में कुपोषित बच्चों और गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य की नियमित जांच की जाए। उनका स्वास्थ्य कार्ड बनाकर उन्हें पूरक पोषण आहार प्रदान की जाए। जिले में अभियान चलाकर एनिमिक महिलाओं के स्वास्थ्य को बेहतर बनाया जाए। कलेक्टर ने हाट बाजार क्लीनिक योजना का दायरा बढ़ाने और मरीजों को लाभान्वित करने के निर्देश देते हुए कहा कि वाहन की कमी को दूर करने डीएमएफ से पहल की जाएगी। धन्वंतरि योजना अंतर्गत संचालित दुकानों में दवाइयों का पर्याप्त स्टॉक रखने और प्रचार-प्रसार के निर्देश भी कलेक्टर ने दिए।

पटवारियों के बैठने के समय को दीवार में लिखवाएं –

     कलेक्टर ने नामांतरण, बंटवारा, सीमांकन सहित अन्य राजस्व प्रकरणों के निराकरण में तेजी लाने के निर्देश एसडीएम और तहसीलदारों को दिए। उन्होंने रिकार्ड दुरस्तीकरण में प्रगति नहीं होने पर नाराजगी जताते हुए कहा कि तहसीलदार स्वयं भी इस कार्य में रुचि ले। कलेक्टर ने पटवारियों को अपने हल्का क्षेत्र में अनिवार्य रूप से उपस्थिति देने के निर्देश देते हुए कहा कि हल्का क्षेत्र में मुख्यालय में पटवारियों के बैठने के समय को दीवार में लिखवाए, ताकि यहाँ किसी काम से आने वालों को भटकना न पड़े। उन्होंने स्कूलों में विद्यार्थियों को शीघ्र जाति प्रमाणपत्र बनाकर वितरण करने के भी निर्देश दिए।

स्व-सहायता समूह के उत्पादों का क्रय करें-

     कलेक्टर ने जिले में स्व सहायता समूह की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने और उनका सुदृढ़ीकरण करने के निर्देश दिए। उन्होंने छात्रावासों, स्वास्थ्य केंद्रों आदि में समूहों द्वारा बनाये गए उत्पादों आचार,पापड़, बड़ी, टोकरी,झाड़ू, फिनायल आदि का क्रय गुणवत्ता और क़ीमत को ध्यान में रखकर करने के निर्देश दिए।

खाद की कालाबाजारी पर फर्टिलाइजर एक्ट के तहत कार्यवाही करें –

कलेक्टर श्री सिन्हा ने कहा कि जिले में किसानों की परेशानियों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। किसानों को खाद के लिए कही भटकना न पड़े और निजी दुकानों में किसानों से अधिक कीमत न ले,इसके लिए कृषि विभाग के अधिकारी निरन्तर निरीक्षण करे। कलेक्टर ने निजी खाद विक्रेताओं की बैठक लेने के भी निर्देश दिए। खाद की कालाबाजारी करते पाए जाने पर फर्टिलाइजर एक्ट के तहत कार्यवाही के निर्देश भी दिए।

निर्माण कार्य में गुणवत्ता झलकनी चाहिए-

कलेक्टर ने जिले में किए जा रहे सभी विकास कार्यों में गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए। उन्होंने निर्माण एजेंसी पीडब्ल्यूडी, आरइएस सहित अन्य को निर्देशित किया कि निर्माण कार्यों का वे स्वयं भी अवलोकन करेंगे। किसी भी कार्यों में गुणवत्ता से समझौता नहीं किया जाएगा। निर्माण कार्यों में गुणवत्ता झलकनी चाहिए।

रोजगार और आजीविका के साधनों को विकसित करें-

कलेक्टर ने जिले में संचालित गोधन न्याय योजना की समीक्षा करते हुए कहा कि गोठनों का स्वरूप नियमानुसार हो। गोठनों में रोजगार और आजीविका के साधन विकसित हो तथा यहाँ से जुड़ी स्व सहायता समूह की महिलाएं आत्मनिर्भर बन सके, इस दिशा में कार्य सुनिश्चित किया जाना चाहिए। उन्होंने गोठनों में जरूरी सुविधाएं मुहैया कराने के साथ इससे जुड़े विभागों को पौधारोपण, शेड निर्माण, मुर्गी,पशुपालन, मछली पालन आदि के लिए कई निर्देश भी दिए।

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