कोरबा। दीपका क्षेत्र में संचालित पेट्रोल पंप की वजह से मार्ग में लग रहे जाम से आमजन परेशान है। संयुक्त केंद्रीय श्रमिक संगठन एचएमएस, एटक, बीएमएस, सीटू, इंटक ने दीपका पेट्रोल पंप को हटा अन्यत्र स्थापित करने कहा है। साउथ इस्टर्न कोलफिल्ड्स लिमिटेड (एसईसीएल) गेवरा व दीपका महाप्रबंधक को संयुक्त ट्रेड यूनियन के प्रतिनिधियों ने हस्ताक्षर युक्त पत्र सौंपते हुए कहा है कि दीपका पेट्रोल पंप एसईसीएल की जमीन में स्थित है। वर्तमान में गेवरा- दीपका खदान मेगा प्रोजेक्ट बनने के बाद गाड़ियों का दबाव काफी बढ़ गया है। इससे पेट्रोल पंप के पास गाड़ियों का भारी जाम लगा रहता है। यहां तक एंबुलेंस व छोटी गाड़ियों को आना जाना मुश्किल हो रहा है। वहीं पेट्रोल पंप में एसईसीएल की मुफ्त बिजली जल रही है। उन्होंने कहा कि पेट्रोल पंप के पीछे वाली रोड में नगर पालिका द्वारा बिना अनुमति अवैध निर्माण कर कब्जा किया जा रहा है एवं दुकानें खोली जा रही है। इससे आवागमन प्रभावित हो रहा है। पेट्रोल पंप के बगलें दीपका थाना है, यहां यदि किसी को काम से जाना हो तो घंटों जाम में खड़ी गाड़ियों के कारण नहीं जा सकते। वहीं पेट्रोल पंप के पास जाम लगने के साथ गाड़ियों के आवाजाही से डस्ट बहुत उड़ती है और कालोनी के अंदर जाती है। कालोनीवासी डस्ट की वजह से संक्रमित बीमारियों के शिकार रहे हैं। इस पेट्रोल पंप के कारण जितना डस्ट उड़ता है, उतना डस्ट खदान में नहीं उड़ता। प्रतिनिधियों ने कहा कि वर्ष 1982 में जब खदान खुली थी, तब 100 लाख टन उत्पादन होता था। उस वक्त रोड का निर्माण कराया गया था और अभी वही रोड है। वर्तमान में रोड की समस्या है। इस वर्ष गेवरा को 62 मिलियन टन व दीपका को 400 लाख टन कोयला उत्पादन करना है। इसके लिए रोड की आवश्यकता पड़ेगी। यदि पेट्रोल पंप और नगर पालिका द्वारा किए गए कब्जे को हटाया जाता है, तो काफी हद तक यह समस्या हल हो सकती है। इसलिए अविलंब दीपका पेट्रोल पंप को हटाए जाने की कार्रवाई की जाए अन्यथा श्रमिक संगठन आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।
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