बिलासपुर। खैरागढ़ के पूर्व विधायक स्व. देवव्रत सिंह की पत्नी विभा सिंह की याचिका पर हाई कोर्ट ने पुलिस द्वारा सुरक्षा मुहैया कराने के आदेश दिए हैं। विभा सिंह ने अधिवक्ता आदित्य भारद्वाज के जरिए हाई कोर्ट में सुरक्षा के लिए याचिका लगाई थी।दायर याचिका में विभा सिंह ने कहा था कि संपत्ति विवाद के मसले में उन्हें वकील के पास आना-जाना पड़ता है। साथ ही खैरागढ़ और छुईखदान भी कानूनी प्रक्रिया के लिए आना-जाना लगा रहता है। उन्होंने आशंका जताई है कि इस दौरान उनके साथ कोई भी अप्रिय वारदात हो सकती है। इसलिए उन्हें सुरक्षा मुहैया कराई जानी चाहिए।
इस मामले की सुनवाई के बाद जस्टिस गौतम भादुड़ी ने पुलिस को खैरागढ़ स्थित कमल विलास पैलेस और छुईखदान स्थित उदयपुर पैलेस आने-जाने पर सुरक्षा उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। जस्टिस भादुड़ी ने कहा कि इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि किसी भी व्यक्ति को जीवन और स्वतंत्रता से वंचित नहीं किया जा सकता।व्यक्ति को कानूनी उपाय प्राप्त करने का पूरा अधिकार है। यह सभी व्यावहारिक उद्देश्यों के लिए स्पष्ट है। कानूनी उपाय का लाभ उठाने के यात्रा करनी पड़ती है, इन परिस्थितियों में याचिकाकर्ता विभा सिंह जब भी खैरागढ़ या उदयपुर का पूर्व सूचना देकर दौरा करेंगी, तो पर्याप्त सुरक्षा प्रदान की जाए।
दोनों महलों को प्रशासन ने किया है सील
जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के विधायक देवव्रत सिंह का पिछले साल चार नवंबर को हार्ट अटैक से निधन हो गया था। जिस समय देवव्रत सिंह का निधन हुआ, तब उनकी पत्नी विभा सिंह थीं जबकि पूर्व पत्नी पद्मा सिंह से उन्होंने दिसंबर 2016 में तलाक ले लिया था। दोनों के बीच आपसी सहमति से तलाक हुआ था।इसके एवज में देवव्रत सिंह ने 11 करोड़ रुपये चुकाए थे। उस समय कोर्ट ने बेटी शताक्षी सिंह को पिता देवव्रत सिंह और बेटे आर्यव्रत सिंह को मां के साथ रहने के आदेश दिए थे। देवव्रत के निधन के बाद अचानक संपत्ति विवाद सामने आया। इसे देखते हुए प्रशासन पहले उदयपुर पैलेस फिर खैरागढ़ स्थित कमल विलास पैलेस को सील कर दिया है।
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