तैनात है चार थानों की पुलिस और करीब दो हजार जवान
पटना। बिहार की राजधानी पटना में राज्य आवास बोर्ड की जमीन पर बने मकानों को तोड़ा जा रहा है। अतिक्रमण के खिलाफ प्रशासन का बड़ा अभियान पटना के राजीवनगर, नेपालीनगर, दीघा इलाके में रविवार की सुबह शुरू किया गया। प्रशासन करीब डेढ़ दर्जन बुलडोजर (जेसीबी) लेकर पहुंचा। अल सुबह से पूरे इलाके में करीब दो हजार पुलिस बलों को तैनात किया गया था। प्रशासन के बड़े अफसरों की देखरेख में मकानों को तोड़ने का अभियान शुरू हुआ तो भारी विरोध भी झेलना पड़ रहा है। सिटी एसपी अंबरीश राहुल, महिला पुलिसकर्मी प्रिया कुमारी चौधरी सहित कई पुलिसकर्मियों और आम लोगों के घायल होने के बाद पुलिस ने हवाई फायरिंग शुरू की। इससे पहले आंसू गैस के गोले दागकर भीड़ को कंट्रोल करने की कोशिश की गई थी।
सिलेंडर में आग लगाकर धमाका करने की कोशिश
सुबह 10 बजे के बाद जब लोगों ने उग्र विरोध शुरू किया तो प्रशासन ने बुलडोजर को पीछे बुलाना शुरू किया। अफसर और पुलिस वाले भी पीछे हो गए। इससे पहले पुलिस ने एक भवन की छत पर पोजिशन ले रखा था। स्थानीय निवासियों ने इस भवन के ग्राउंड फ्लोर पर एक गैस सिलेंडर ले जाकर उसमें आग लगा दी। प्रशासन को रोकने के लिए और भी कई चीजों को आग लगा दी गई। प्रशासन हालात पर नजर बनाए हुए है। हालांकि डीएम और एसएसपी के मौके पर पहुंचने के बाद प्रशासन दोबारा एक्टिव हुआ। लोगों को गिरफ्तार करने, घरों की तलाशी लेने के साथ ही बुलडोजर को फिर से एक्टिव कर दिया गया।
पटना डीएम और एसएसपी मौके पर पहुंचे, थाने की सुरक्षा बढ़ी
लोगों के गुस्से को देखते हुए राजीव नगर थाने की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। आक्रोशित लोग एलपीजी सिलेंडर में आग लगाकर धमाके की कोशिश कर रहे थे। हालात बेकाबू होने की सूचना मिलते ही पटना के डीएम डा. चंद्रशेखर सिंह और एसएसपी मानवजीत सिंह ढिल्लो राजीव नगर थाने में पहुंचे। इसके बाद अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई दोबारा शुरू की गई।
हाउसिंग बोर्ड की जमीन पर कब्जे का है आरोप
प्रभावित लोगों ने आग लगा कर और प्रशासन पर पत्थर चलाकर अभियान को रोकने की कोशिश की तो प्रशासन ने आंसू गैस के गोले छोड़े। कुछ लोगों पर लाठी चार्ज भी किया गया और कुछ लोगों को हिरासत में भी लिया गया है। प्रशासन के मुताबिक ये सभी घर बिहार राज्य हाउसिंग बोर्ड की जमीन पर अवैध कब्जा कर बनाए गए हैं। यहां आप तस्वीरों और वीडियो के जरिए घटनाक्रम का अपडेट हासिल कर सकेंगे।
प्रशासन ने मकान हटाने के लिए दिया था एक हफ्ते का समय
आपको बता दें कि प्रशासन ने करीब एक महीने पहले ही इन सभी मकानों को तोड़कर हटाने के लिए संबंधित गृह स्वामियों को नोटिस दी थी। इसके बाद प्रभावित लोगों ने आंदोलन शुरू किया था। साथ ही, प्रशासन के पास गुहार लगाई थी। उनका कहना था कि वे मकान के लिए नगर निगम को टैक्स देते हैं, इसी मकान पर बिजली कनेक्शन और अन्य सुविधाएं हासिल करते हैं। फिर उनके मकान को क्यों और कैसे तोड़ा जाएगा।
अंचल अधिकारी ने दिया एक हफ्ते का वक्त
मामले में प्रभावित लोगों की गुहार पर अंचल अधिकारी ने सुनवाई की थी और उनके दावे को सुनने के साथ ही दस्तावेजों को देखा था। इसके बाद उन्हें फिर से एक हफ्ते का समय देकर मकान खुद ही तोड़कर हटाने के लिए कहा गया था। ऐसा नहीं करने पर मकान को प्रशासन की ओर से तोड़ने और हर्जाना भी लगाने की बात कही गई थी।
डिप्टी सीएम से भी मिले थे प्रभावित लोग
प्रभावित लोगों ने पिछले दिनों बिहार के उप मुख्यमंत्री तार किशोर प्रसाद के आवास का घेराव किया था। इसके बाद डिप्टी सीएम ने इनके प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की थी। प्रतिनिधिमंडल ने दावा किया था कि डिप्टी सीएम ने उनकी बात सुनने और बीच का रास्ता निकालने का आश्वासन दिया था। यह इलाका बीजेपी विधायक संजीव चौरसिया का है। संजीव चौरसिया का दीघा के आवास बोर्ड की जमीन का मसला सुलझाना प्रमुख मुद्दा रहा है। वेे यह मसला विधानसभा में भी उठाते रहे हैं।
निर्माणाधीन मकानों को पहले निशाना बना रहा प्रशासन
प्रशासन को लोगों का भारी विरोध झेलना पड़ रहा है। लोग घरों से बाहर निकलने के लिए बिल्कुल भी तैयार नहीं हैं। इसे देखते हुए प्रशासन पहले निर्माणाधीन मकानों को निशाना बना रहा है। इस इलाके में काफी भूखंड खाली है और कई मकानों का निर्माण लगातार चल रहा है। पटना के इस इलाके में हाउसिंग बोर्ड की जमीन पर यूं तो हजारों मकान खड़े हैं, लेकिन प्रशासन फिलहाल केवल एक चिह्नित क्षेत्र के करीब 70 मकानों को ही गिराने की कोशिश में है।
पथराव में एक जवान को लगी चोट
प्रशासन पूरी सतर्कता के साथ धीरे-धीरे कार्रवाई को आगे बढ़ा रहा है। इलाके के लोगों में कार्रवाई के प्रति काफी उबाल है। वे किसी हालत में अपने घर को टूटने नहीं देना चाहते हैं। प्रशासन की टीम पर पथराव किया गया, जिसमें एक जवान जख्मी हो गया।
आग लगाकर प्रशासन को रोकने की कोशिश
कुछ लोगों ने अतिक्रमण हटाने आई टीम को रोकने के लिए रास्ते में आग लगाकर रोकने की कोशिश की। इस क्रम में सात लोगों के आग से झुलसने की बात मुहल्ले के लोग कह रहे हैं। इन सभी लोगों को हल्के जख्म आग से आए हैं। किसी की हालत चिंताजनक नहीं है।
चार थानों की पुलिस, करीब दो हजार फोर्स लगी
राजीव नगर और दीघा के इलाके में चप्पे – चप्पे पर करीब दो हजार पुलिस फोर्स को तैनात किया गया है। दीघा और राजीव नगर के अलावे आसपास के चार थानों की पुलिस भी यहां मौजूद है। लोगों की ओर से पथराव के बाद पुलिस ने आंसू गैस के गोले फेंके हैं। इस दौरान एक जवान को चोट आई है। वहीं लोग पूरी तरह आपा खोते दिख रहे हैं। लोगों के रोने-चिखने और बेहोश होने की तस्वीरें और वीडियो सामने आ रहे हैं।
महिलाएं नकाब पहनकर विरोध में उतरीं
प्रभावित इलाके की महिलाएं नकाब बांधकर पुलिस पर पत्थर चलाने लगी हैं। इसके बाद प्रशासन की ओर से भी सख्ती बढ़ाई गई है। बच्चे भी पत्थर चला रहे हैं। लोगों में प्रशासन के साथ ही स्थानीय जन प्रतिनिधियों के प्रति जोरदार गुस्सा है। लोगों का कहना है कि जन प्रतिनिधि लगातार उन्हें यह कहकर बरगलाते रहे कि उनकी समस्या का समाधान किया जाएगा।
घर खाली कर बाहर निकलते दिखे लोग
नेपालीनगर में कई परिवार प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोले नजर आए, तो कुछ परिवार उदास मन से अपना घर खाली करने में जुटे रहे। गुस्साए लोगों ने पुलिस और प्रशासन के अलावा मीडिया को भी निशाना बनाया है। कई वाहनों को भी नुकसान पहुंचाया गया है। इनमें मीडिया कर्मियों के वाहन भी शामिल हैं। पटना के राजीव नगर थाने में जुटे जिला प्रशासन के अफसर आगे की रणनीति बना रहे हैं।
बुलडोजर थमते ही गिरफ्तारी शुरू
लोगों की ओर से उग्र विरोध के बाद बुलडोजर के पहिए तो फिलहाल थम गए हैं, लेकिन अब प्रशासन ने उपद्रवियों की गिरफ्तारी शुरू कर दी है। दीघा भूमि बचाओ संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष श्रीनाथ सिंह एवं महासचिव वीरेंद्र सिंह गिरफ्तार कर लिए गए हैं। इसके अलावा प्रशासन ने कई महिलाओं को हिरासत में लिया है।
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