भटगांव नगर पंचायत में पदस्थ स्थानीय कर्मचारियों की मनमानी से लोग त्रस्त…

भटगांव । भटगांव नगर को जबसे शहरी नगर का दर्जा मिला है। तबसे लेकर आज तक नगर पंचायत भटगांव में स्थानीय लोगों को कर्मचारियों के रूप में नियुक्ति किया गया है। जिनकी वजह से नगर पंचायत का कोई भी कामकाज सही समय पर संचालन नहीं हो रहा है। क्योंकि यहां के कर्मचारी अपने आपको किसी अधिकारी से कम नहीं समझते है। इसके अलावा यहां वंशवाद को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। अगर यहां के अधिकांश कर्मचारियों की बात की जाये तो किसी जनप्रतिनिधि के संरक्षण पर नगर पंचायत में पदस्थ कर्मचारी के वंश से संबंधित लोगों को ही पदस्थ कर वंशवाद को बढ़ावा दिया जा रहा है।

नगर पंचायत भटगांव वंशवाद का अड्डा बनाता हुआ नजर आ रहा है, और इसी के चलते नगर पंचायत के कर्मचारी मनमानी करने में उतर जाते हैं और लापरवाह हो गये है। इससे नगरीय प्रशासन की व्यवस्था अस्त व्यस्त हो गई है। लेकिन जिम्मेदार लोग मौन है। जब तक स्थानीय कर्मचारियों की स्थानांतरण नहीं होगी तब तक यहां की व्यवस्था को सुधारा नहीं जा सकता। यहां तक नगरवासी नगर पंचायत से जुड़े कामकाज के संबंध में जानकारी लेने पहुँचते हैं तो कर्मचारियों से संतोष जनक जवाब नहीं दिया जाता।

उनके बातचीत करने का तौर तरीका सही नहीं रहता। नगर पंचायत के जनप्रतिनिधि व कर्मचारियों से जुड़े लोगों को ही नगर पंचायत में कामकाज करने के लिये रखा जाता है। जबकि नगर में पढ़ें लिखे शिक्षित बेरोजगार लोग आज भी बेरोजगारी की दंश झेल रहें हैं। इन बेरोजगारों को अवसर नहीं मिल रहा।

नगर पंचायत भटगांव में जितने भी स्थानीय कर्मचारी पदस्थ हैं उन्हें अन्य स्थान में तत्काल स्थानांतरण करने की जरूरत है, जिससे नगरीय व्यवस्था में सुधार लाया जा सके।

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