आज छत्तीसगढ़ बंद: प्रदेश में अलर्ट, रायपुर में क्विक रिस्पॉन्स फोर्स तैनात; चैंबर ऑफ कॉमर्स का भी समर्थन 

रायपुर। राजस्थान के उदयपुर में कन्हैयालाल की हत्या के विरोध में शनिवार को छत्तीसगढ़ बंद बुलाया गया है। बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद इसकी अगुवाई कर रहे हैं। इस दौरान किसी तरह से हालात न बिगड़े इसे देखते हुए पुलिस अलर्ट मोड पर है। प्रदेश की आंतरिक सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सभी जिलों के एसपी को अपने-अपने इलाकों में कानून व्यवस्था पर फोकस करने कहा गया है।

राजधानी रायपुर में 400 से भी ज्यादा पुलिस अधिकारी और कर्मचारी चप्पे-चप्पे पर तैनात हैं। हर थाना क्षेत्र में पेट्रोलिंग बढ़ा दी गई है । रायपुर के एसएसपी प्रशांत अग्रवाल ने शुक्रवार देर शाम तैयारियों का जायजा लेने के लिए एक बैठक भी ली।

रायपुर में किसी भी तरह से शांति व्यवस्था न बिगड़े इसे लेकर संवेदनशील इलाकों में खास तैनाती की गई है। कुछ पॉइंट तय किए गए हैं। पुलिस ने क्विक रिस्पॉन्स टीम बनाई है। रिजर्व फोर्स की व्यवस्था रखी गई है। ताकि हालात बिगड़ने पर स्थिति से निपटा जा सके। एडिशनल एसपी और डीएसपी रैंक के अफसर लगातार निगरानी कर रहे हैं।

भाजपा ने दी दवा और दूध कारोबार को छूट

भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता बंद को कामयाब बनाने बाजारों में उतर रहे हैं। रायपुर जिला भाजपा अध्यक्ष श्रीचंद सुंदरानी ने बताया कि दवा और दूध के कारोबार को छूट दी गई है। इसके अलावा स्कूल, पेट्रोल पंप, कॉलेज यहां तक कि सरकारी संस्थाओं को भी अपने संस्थान बंद रखने की अपील की गई है।

चैंबर ऑफ कॉमर्स का दोपहर तक समर्थन

छत्तीसगढ़ के चैंबर ऑफ कॉमर्स प्रदेश अध्यक्ष अमर पारवानी ने बताया कि दोपहर 2 बजे तक संगठन ने इस बंद को अपना समर्थन दिया है। इस दौरान शहर का हर बाजार बंद रहेगा।

इस वजह से छत्तीसगढ़ बंद

उदयपुर में मंगलवार को कन्हैयालाल नाम के टेलर की गला काटकर हत्या कर दी गई। कन्हैया लाल ने भारतीय जनता पार्टी की प्रवक्ता रह चुकी नूपुर शर्मा के समर्थन में सोशल मीडिया पर पोस्ट किया था। नूपुर शर्मा ने न्यूज चैनल की डिबेट में इस्लाम पर टिप्पणी की थी इसका समर्थन करने की वजह से कन्हैया लाल की हत्या कर दी गई।

हत्या में शामिल आरोपियों का पाकिस्तान के आतंकी संगठनों से भी कनेक्शन सामने आया है। इस घटना का विरोध करने के तहत छत्तीसगढ़ में विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल ने बंद का आवाहन किया है । 2 दिन पहले बस्तर के दंतेवाड़ा नारायणपुर सुकमा जैसे जिलों में भी जबरदस्त विरोध प्रदर्शन हुआ था।