PEKB क्षेत्र के स्थानीय लोग हसदेव अरण्य के आंदोलनकारीयों पर आक्रोशित
अंबिकापुर (सरगुजा), 9 जून (वेदांत समाचार)। हसदेव बचाओ के नाम पर स्थानीय लोगों को गुमराह करने के उद्देश्य से चलाए जा रहे प्रायोजित अभियान में सरगुजा जिले के घाटबर्रा गाँव में बुधवार को रायपुर स्थित कथित हसदेव अरण्य बचाव समिति के प्रतिनिधि और आंदोलनकारीयों द्वारा एक और गैरकानूनी दांव खेला गया। सब डिविज़नल मजिस्ट्रेट (SDM) जो की भू अधिग्रहण के लिए इकलौते अधिकारी होते है, उनकी गैरहाज़री में PEKB खदान के प्रभावित ग्राम घाटबर्रा में चुने हुए मुट्ठी भर लोगो को इकट्ठा करके ग्रामसभा के नाम पर फर्जी ग्रामसभा करवाई गयी और उसको पंचायत के रिकॉर्ड में भी शामिल कर दिया गया ताकि उस दस्तावेज का भविष्य में दुरूपयोग किया जा सके।
हाज़िर रहे लोगो के मुताबिक़ यह अवैध प्रक्रिया ग्रामपंचायत भवन की बजाय गोंडपारा इलाके में निजी स्वार्थ के लिए बनाये गए एनजीओ के प्रतिनिधि के टेलीफोनिक मार्गदर्शन में चुपके से की गयी। घाटबर्रा में उपस्थित स्थानीय प्रतिनिधी लगातार कथित एनजीओ के प्रतिनिधि से फ़ोन पर सलाह मशवरा करते दिखे और खास कर जब पंचायत के कागज़ों में फर्जी दस्तावेजीकरण के वक्त वह उपरोक्त प्रतिनिधि द्वारा बतायी गयी बातों को शब्दशः लिखते हुए नज़र आये। उल्लेखनीय है की ये वही है जिन्होंने पिछले कुछ महीनों में बार बार राजस्थान और छत्तीसगढ़ के अधिकारियों पर PEKB खदान पर फर्जी ग्रामसभा करवाने के आरोप लगाए थे। हालाँकि पिछले सप्ताह सरगुजा कलेक्टर ने साफ़ कर दिया था की PEKB खदान की ग्रामसभा सभी कानूनी नियमों के तहत की गयी थी और उसके आधिकारिक रिकॉर्ड भी सरकार के पास उपल्ब्ध है। अब वही प्रतिनिधि जिसको PEKB खदान के विरोध में स्थानीय लोगो का पूर्ण सहयोग ना मिल पाने के चलते बाहरी लोगों के दबाव में PEKB खदान के ग्रामों में फर्जी ग्रामसभा करवाकर हलचल पैदा करने का प्रयास कर रहा है।
यह घटना देश के सबसे बड़े कोयला उत्पादक राज्य छत्तीसगढ़ के लिए सिर्फ चौंका देने वाली ही नहीं परन्तु असंवैधानिक भी है। ग्रामसभा की प्रक्रिया में सिर्फ SDM और भू अर्जन अधिकारी ही अधिकृत सरकारी प्रतिनिधि होते है जो की परियोजना से प्रभावित लोगो को पुनर्वास के लाभ और शर्तों के बारे में अवगत करते है। SDM सिर्फ सरकार के ही नहीं परन्तु प्रभावित लोगों के भी प्रतिनिधि माने जाते है और उनके हितों का रक्षण करते है। फर्जी ग्रामसभा स्थानीय लोगों के हक़ पर एक हमला के सामान है।
बुधवार दोपहर के बाद से इस बात के साथ साथ फर्जी ग्रामसभा के वीडियो फैलते ही राजस्थान सरकार की प्रस्तावित PEKB खदान परियोजना से जुड़े घाटबर्रा और आसपास के गाँवों में आक्रोश फैला हुआ है। प्रभावित क्षेत्र के लोगों द्वारा यह पता लगाया जा रहा है की कथित ग्रामसभा में कौन कौन और कहा से उपद्रवी तत्वों को लाकर फर्जी ग्राम सभा का आयोजन किया गया है। पिछले कुछ समय से चल रहे हसदेव के विरोध में खड़ी की गयी साजिशों में हसदेव अरण्य समिति के साथ साथ ग्राम में उनके स्थानीय प्रतिनिधि की भी भूमिका संदिग्ध मानी जा रही है। सुरगुजा जिले में प्रभावित लोगो का बहुमत 2013 से सफल तरीके से चल रहे PEKB खदान और उसके जनलक्षी उपक्रमों के पक्ष में है साथ ही उन्होंने SDM को भी हसदेव अरण्य के प्रतिनिधी की साजिश के बारे में सतर्क कर दिया है और जल्द ही उनके हस्तक्षेप के विरोध में कार्रवाई करना शुरू करेंगे ।
UPA की केंद्र सरकार द्वारा आवंटित PEKB खदान द्वारा राजस्थान की सरकार ने सरगुजा जिले में करीब 5000 से ज्यादा रोजगार के अवसर खड़े किये है। अब राजस्थान राज्य अपने विद्युत् इकाइयों की कोयले की जरुरत के लिए दूसरे चरण में विस्तार करने जा रहा है जिसमे इस एन जी ओ के प्रतिनिधियों द्वारा छत्तीसगढ़ की उच्च अदालत में सारे केस हारने के बावजूद रोड़े डालने का काम किया है। अगर PEKB खदान का दूसरा चरण कुछ सप्ताह में शुरू नहीं हो पाया तो सुरगुजा में हज़ारो को रोजगार और राजस्थान को बिजली सप्लाई, दोनों का भविष्य अंधारमय हो जाएगा।
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