रायपुर । देश में एल्यूमिनियम की सबसे बड़ी उत्पादक वेदांता एल्यूमिनियम को यह बताते हुए गर्व हो रहा है कि उसके सबसे बड़े एल्यूमिनियम स्मेल्टर ने वित्तीय वर्ष 2021-22 में ग्रीनहाउस गैस (कार्बन फुटप्रिंट) उत्सर्जन तीव्रता में बीतेे वित्तीय वर्ष के मुकाबले लगभग 12 प्रतिशत की कटौती की है जबकि उसके उत्पादन में 20 फीसदी का इजाफा हुआ है। विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर वेदांता एल्यूमिनियम ने अपने क्लाइमेट एक्शन के प्रयासों के तहत वर्ष 2030 तक वित्तीय वर्ष 2020-21 के आधार वर्ष के मुकाबले ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में 25 प्रतिशत की कटौती की प्रतिबद्धता जताई है। वर्ष 2012-21 के दौरान वेदांता एल्यूमिनियम ने ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में 21 प्रतिशत की कटौती की है, जबकि इसी अवधि में कंपनी का उत्पादन करीब तीन गुना हो गया है।
जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से निपटने के लिए वेदांता एल्यूमिनियम ने बहुआयामी कदम उठाए हैं। इसमें सभी कारखानों में उच्च परिचालन दक्षता के साथ काम करना, ऊर्जा प्रयोग में अक्षय ऊर्जा के प्रयोग को बढावा देना और जीवाश्म ईंधन से स्वच्छ ईंधन की ओर बढऩे जैसे कदम शामिल हैं।
पर्यावरण के संरक्षण एवं संवर्धन की दिशा में वेदांता की उपलब्धियों पर एक नजर- वेदांता एल्यूमिनियम भारत की पहली कंपनी है, जिसने रेस्टोरा ब्रांड के तहत ग्रीन एल्यूमिनियम पेश किया है, जिसका कार्बन फुटप्रिंट वैश्विक स्तर पर निम्न कार्बन एल्यूमिनियम के लिए तय चार टन कार्बन डाई ऑक्साइड प्रति टन एल्यूमिनियम के मानक से करीब आधा है। वित्तीय वर्ष 2021-22 में वेदांता एल्यूमिनियम 3 अरब यूनिट के साथ भारत में अक्षय ऊर्जा की सबसे बड़ी खरीदार रही। कंपनी ने अपने एल्यूमिनियम स्मेल्टर्स के लिए 380 मेगावॉट की अक्षय ऊर्जा के लिए पावर डिलीवरी एग्रीमेंट भी किया है। कंपनी ने लिथियम-आयन बैट्री से संचालित 27 फॉर्कलिफ्ट के साथ भारत में अब तक का सबसे बड़ा इंडस्ट्रियल इलेक्ट्रिक फ्लीट स्थापित किया है। वित्तीय वर्ष 2021-22 में चार लाखपौधारोपण के माध्यम से कंपनी ने अपने कार्बन सिंक में बढ़ोत्तरी की है।
वेदांता एल्यूमिनियम का बालको संयंत्र लगातार सबसे कमविषिष्ट ऊर्जा खपत या एसपीसी (परिचालन की ऊर्जा दक्षता को दर्शाने वाला एक मानक, कम एसपीसी का अर्थ है ज्यादा ऊर्जा दक्षता) के मामले में नेशनल बेंचमार्क बना हुआ है। परिचालन दक्षता और ऊर्जा संरक्षण पहलों के परिणामस्वरूप वित्तीय वर्ष 2021-22 में 23 लाख गीगा जूल ऊर्जा की बचत हुई। कंपनी ने बीते वित्तीय वर्ष में 9 रेनवाटर हार्वेस्टिंग प्रणालियां स्थापित कीं जिनकी जल संरक्षण की क्षमता 19.4 करोड़ लीटर है।
सतत विकास की दिशा में वेदांता एल्यूमिनियम के योगदान पर वेदांता लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी, एल्यूमिनियम बिजनेस राहुल शर्मा ने कहा, ‘‘ देश में एल्यूमिनियम के सबसे बड़े उत्पादक के रूप में इंडस्ट्री लीडर के तौर पर क्लाइमेट एक्शन के मामले में हम अपनी भूमिका को समझते हैं। हमने वर्ष 2050 तक नेट जीरो के महत्वाकांक्षी लक्ष्य कोपाने दिशा में अपने कदम बढ़ा दिए हैं। पहले पड़ाव के तौर पर वर्ष 2030 तक हम ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन की तीव्रता को 25 फीसदी तक कम करेंगे। सतत विकासकी दृष्टि से हमने चौतरफा प्रयास किए हैं जिनमें उत्पाद, प्रक्रियाएं, तकनीक, नीति और साझेदारी सब शामिल हैं। हमारा मानना है कि हमारे कदम नेट जीरो वाले पर्यावरण के अनुकूल कारोबार में मददगार होंगे, साथ ही इनसे हमारे लिए, हमारे साझेदारों के लिए, देश के लिए और विश्व के लिए सतत विकास, रोजगार आदि के अवसर भी बनेंगे।’’
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