कोरबा 6 जून। शहर जिला कांग्रेस के महामंत्री और जिला इंटक के अध्यक्ष विकास सिंह को जिला दण्डाधिकारी द्वारा पारित जिला बदर के आदेश पर आज हाईकोर्ट बिलासपुर से स्टे आर्डर मिलने की खबर मिल रही है। हालांकि इस खबर की अभी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। लेकिन यह जानकारी भरोसेमंद सूत्र से मिली है।
उल्लेखनीय है कि गत 03 जून 2022 को जिला दण्डाधिकारी श्रीमती रानू साहू ने जिले के कथित आदतन अपराधी विकास सिंह को एक साल के लिए जिला बदर करने का आदेश पारित किया था। आदेश में कहा गया था कि एसबीएस कॉलोनी मानिकपुर कोरबा निवासी 45 वर्षीय विकास सिंह के विरूद्ध थाने में 14 अपराध विभिन्न धाराओं में दर्ज हैं। सन् 1995 से लगातार घर में घुसकर मारपीट, बलवा, गाली गलौच, जान से मारने की धमकी, तोड़फोड़, प्रतिबंधित हथियार लेकर घुमने जैसी कई अपराधिक गतिविधियां करते आ रहा है। विकास सिंह के खिलाफ थानों में भारतीय दण्ड विधान की धारा 147, 148, 427, 448, 341, 294, 506, 323, 34, 186, 353, 325, 342, 376, 149, 188, 332, 354, 354क (1)(2), 354 (घ), 509 (ख), 420, 406, आर्म्स एक्ट धारा 25 सहित एससी-एसटी एक्ट की धार 3(1)(12) की धाराओं में 14 अपराध पंजीबद्ध कर अभियोग पत्र न्यायालय में पेश किया जा चुका है। अपराधी के विरूद्ध प्रतिबंधात्मक कार्रवाई के तहत 110, 151/107, 116(3) के चार प्रकरण भी दर्ज हैं। जिला बदर की कार्रवाई पुलिस अधीक्षक कोरबा के प्रतिवेदन के आधार पर की गई। इस संबंध में जिला दण्डाधिकारी श्रीमती रानू साहू ने आदेश भी जारी कर दिया था। अगले 24 घंटों में विकास सिंह को कोरबा जिले और सीमावर्ती जिलों जांजगीर चांपा, सक्ती, बिलासपुर, रायगढ़, कोरिया, सरगुजा, गौरेला- पेण्ड्रा- मरवाही, सूरजपुर जिले की सीमाओं से बाहर जाने का आदेश जारी किया गया था। विकास सिंह को जिला दण्डाधिकारी न्यायालय कोरबा की पूर्व अनुमति प्राप्त किए बिना इन जिलो की सीमाओं में अगले एक वर्ष की अवधि तक प्रवेश नहीं करने का भी आदेश दिया गया था।
विकास सिंह की लगातार अपराधिक गतिविधियों में संलग्न रहने की प्रवृत्ति से आम जनता में भय का माहौल होने का हवाला आदेश में दिया गया था और जनता की परेशानियों को दूर करने के लिए विकास सिंह को छत्तीसगढ़ राज्य सुरक्षा अधिनियम 1990 की धारा 3 एवं 5 के प्रावधानों के तहत जिला बदर किया जाना बताया गया था।
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