विश्व पर्यावरण दिवस ( World Environment Day) के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 5 जून को विज्ञान भवन में ‘मिट्टी बचाओ आंदोलन’ पर एक कार्यक्रम में शामिल होंगे। कार्यक्रम के दौरान वे सभा को भी संबोधित करेंगे। प्रधानमंत्री कार्यालय के अनुसार ‘मिट्टी बचाओ आंदोलन’ के जरिए मिट्टी की गुणवत्ता के बारे में जागरूकता बढ़ाने और इसे सुधारने के लिए जागरूकता लाने के लिए एक वैश्विक आंदोलन है।
मार्च में शुरू हुआ था ‘मिट्टी बचाओ आंदोलन’
बता दें कि ‘मिट्टी बचाओ आंदोलन’ की शुरुआत इस साल मार्च में सद्गुरु जग्गी वासुदेव ने की थी। यह 27 देशों से होकर गुजरने वाली 100 दिनों की मोटरसाइकिल यात्रा से हुई जो 5 जून को खत्म हुई। 5 जून, 2022 को उनकी यात्रा का 75वां दिन होगा। इसमें कहा गया है कि कार्यक्रम में मोदी की भागीदारी भारत में मिट्टी की गुणवत्ता में सुधार को लेकर साझा चिंताओं और प्रतिबद्धताओं को प्रतिबिंबित करेगी। 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस के तौर पर मनाया जाता है। पर्यावरण में पाजिटिव बदलाव के लिए यह वैश्विक मंच प्रदान करता है।
1972 में हुई थी पर्यावरण दिवस की शुरुआत
संयुक्त राष्ट्र संघ की ओर से साल 1972 में वैश्विक स्तरपर पर्यावरण प्रदूषण की समस्या और चिंता की वजह से विश्व पर्यावरण दिवस मनाने की नींव रखी गई। इसकी शुरुआत स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम में हुई। यहां दुनिया का पहला पर्यावरण सम्मेलन आयोजित किया गया, जिसमें 119 देश शामिल हुए थे। पहले पर्यावरण दिवस पर भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने भारत की प्रकृति और पर्यावरण के प्रति चिंताओं को जाहिर किया था।
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