रायपुर । दूध उत्पादन करने वाले किसान सामूहिक रूप से अपनी समिति बनाकर यह कार्य करें और समिति के माध्यम से अपना दूध एकत्रित करें तो संग्रहण केंद्रों के माध्यम से इसकी खरीदी की सुविधा दी जा सकती है भानुप्रतापपुर विधानसभा के गितपहर में आयोजित भेंट मुलाकात के दौरान चारामा के किसान भूषण साहू से संवाद करते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने यह बात कही। श्री भूषण ने मुख्यमंत्री से कहा मैं दूध का व्यवसाय करता हूँ। क्षेत्र में दूध खरीदी केंद्र होता और शासकीय दर पर खरीदी होती तो हमें और भी सुविधा होती। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि समितियों के माध्यम से यदि यह पहल की जाए तो इसका परीक्षण कर संग्रहण केंद्र बनाने पर सरकार विचार कर सकती है ताकि संग्रहण केंद्रों के माध्यम से दूध खरीदी की जा सके। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर गितपहर के किसानों को कहा कि समितियों के माध्यम से कार्य करना काफी उपयोगी होता है क्योंकि शासन की अनेक योजनाएं समितियों को बढ़ावा देने बनाई गई हैं। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर गितपहर में 5 करोड़ 19 लाख रुपए की लागत से 83 देवगुड़ियों का भूमिपूजन एवं लोकार्पण भी किया। साथ ही उन्होंने शीतला माता की पूजा कर प्रदेश की सुख-शांति की कामना की।
खेती में हुआ लाभ तो लेने लगे डबल फसल
महेश निषाद ने कहा कि 49 हजार रुपए का कर्ज माफ हुआ और राजीव गांधी किसान न्याय योजना की किश्त मिल गई। खेती अब मेरे लिए फायदे का सौदा बन गई है। अब मैं डबल फसल लेना लगा हूँ। गितपहर में हितग्राही गिरधारी लाल ने बताया कि खेती कैसे करता, पट्टा नहीं था। वनाधिकार पट्टा मिला तो खेती करनी आरंभ कर दी। अब दो एकड़ में खेती कर रहा हूँ। राजीव गांधी न्याय योजना के माध्यम से फसल का अच्छा मूल्य मिल रहा है। मुख्यमंत्री जी, मेरे जीवन में आपकी वजह से खुशहाली आई है। संतोष देवेंद्र ने कहा कि मैं 14 एकड़ में खेती कर रहा हूँ। मेरा डेढ़ लाख रुपए का कर्ज माफ हुआ है। राजीव गांधी किसान न्याय योजना की पहली किश्त में 26 हजार मिले हैं। मुख्यमंत्री जी, खेती मेरे लिए फिर से खुशहाली ले आई है।
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