“मोदी की सरकार के स्वर्णिम आठ वर्ष”, सेवा, सुशासन और गरीब कल्याण मूलमंत्र

कोरबा,2 जून (वेदांत सामाचार)। कोरबा प्रेस क्लब में आज लोकसभा सांसद अरुण साव ने प्रेस वार्ता आयोजित कर केंद्र सरकार के उपलब्धियों से अवगत कराया . उन्होंने कहां भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में भाजपा नीत सरकार ने शानदार, ऐतिहासिक 8 वर्ष पूरे किये हैं। इस आठ वर्ष की स्वर्णिम यात्रा को कम शब्दों में सेवा, सुशासन और गरीब कल्याण का वर्ष इन्हें कहा जा सकता है। मोदी जी के नेतृत्व में युगपरिवर्तन कारी यह यात्रा अहर्निश जारी है।

सेवा कोरोना के इस वैश्विक संकट में देश के सभी नागरिकों के लिए विश्वप्रसिद्ध दोनों टीके के दोनों डोज मुफ्त देने की सेवा से लेकर समूचे देश के पीड़ितों तक चिकित्सा एवं अन्य तमाम राहत समग्री की सेवा। जिस प्रधानमंत्री ने अपना पदनाम ही प्रधान सेवक रख लिया। हो, उसके संवेदनशील नेतृत्व में केंद्रीय सत्ता और संगठन को सेवा का पर्याय ही बना दिया गया।

सुशासन समूचा देश आज लगभग दंगामुक्त हो गया है। साम्प्रदायिक और तुष्टिकरण की राजनीति को विराम लगा है। कश्मीर से कन्यामुमारी तक भारत की एकता और अखंडता जितनी आज मज़बूत है, वैसा पहले कभी नहीं रही। दुनिया भर में आज मोदी जी के सुशासन की पहचान है। अनेक वैश्विक संगठनों ने मोदी जी को विश्व के सर्वश्रेष्ठ नेता का खिताब दिया है। यह हम सबके लिए गर्व की बात है।

गरीब कल्याण देश के 80 करोड़ से अधिक नागरिकों तक अनवरत खाद्यान की आपूर्ति कोरोना के वैश्विक संकट के दौरान सुनिश्चित करते रहने से बड़ा गरीब कल्याण और क्या हो सकता है भला? मोदी जी ने सभी गरीबों के सर के छत की चिंता की, शुद्ध नल जल उपलब्ध कराने से लेकर उन्हें आयुष्मान भारत के तहत मुफ्त चिकित्सा से लेकर तमाम कल्याणकारी योजनाओं से उन्हें जोड़ा। पिछले 8 वर्षों में देश की गरीबी 22% से घट कर 10% से नीचे आ गई है। कोरोना संकट के बावजूद अत्यंत गरीबी की दर भी 1% से कम 0.8% पर स्थिर बनी हुई है।

पहले देश में एक सामान्य सोच थी कि इस देश का कुछ भी नहीं हो सकता। अब आम जनमानस में यह धारणा बनी है कि मोदी है तो मुमकिन है। 8 साल की यह यात्रा देश की सोच को बदलने की यात्रा है। पहले सरकार जनता से कहती थी- “हुआ तो हुआ” । अब जनता कह रही है जो कभी नहीं हुआ, वह मोदी जी के शासन काल में हुआ।

ये आत्मनिर्भर भारत की यात्रा है, विश्वगुरु के पद पर भारत के प्रतिष्ठित करने का मार्ग बनाने की यात्रा है। 8 वर्ष की यह यात्रा आत्मनिर्भर भारत की “संकल्प से सिद्धि” के रहे हैं।

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