संभाग में स्कूली शिक्षा के स्तर में सुधार के लिए सभी करें कार्यःकमिश्नर

अम्बिकापुर। कमिश्नर जी.आर. चुरेन्द्र ने बुधवार को यहां जिला पंचायत सभाकक्ष में आयोजित स्कूल शिक्षा विभाग की संभाग स्तरीय समीक्षा बैठक में आगामी शिक्षा सत्र से स्कूल संचालन एवं संभाग में स्कूली शिक्षा के स्तर में सुधार के लिए अधिकारियों को जरूरी निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि सरगुज़ा संभाग को शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट स्थान पर ले जाने के लिए शिक्षक के साथ विभाग के अधिकारी भी संकल्पित होकर दायित्व निर्वहन करें। समग्र शिक्षण व्यवस्था को शासन की मंशानुरूप संचालित करें। जहां नवचार की गुंजाइश है वहां नवचार के माध्यम से बच्चो का कौशल विकास करें।
कमिश्नर ने कहा कि शिक्षण के लिए अब तक जो प्रशिक्षण मिला है उसके अनुरूप शिक्षण व्यवस्था को दुरुस्त करें। शाला में उपस्थिति तथा अन्य क्रियाकलापों के लिए जो समय निर्धारित है उसका पूरी तरह से अनुपालन करें। कक्षा में ऐसे बच्चों की पहचान करें जो औसत स्तर के है तथा उनकी समस्या को दूर करने का प्रयास करें। शासन द्वारा स्कूलों में सभी आवश्यक संसाधन मुहैया कराया जा रहा है। उन संसाधनों का भरपूर उपयोग कर स्कूल के स्तर को सुधारें। बच्चों में कौशल उन्नयन, क्षमता विकास के साथ व्यवहारिक ज्ञान का बोध करायें और स्वयं व्यवहारिक बने। बच्चों को दु्रत लेखन, पठन तथा गृह कार्य में दक्ष बनाये। उन्होंने कहा कि शासन के निर्देशानुसार कक्षा में मोबाइल लाना प्रतिबंधित करें। शिक्षक भी अध्यापन के दौरान मोबाइल न रखें। उन्होंने कहा कि 16 जून से शुरू हो रहे शैक्षणिक सत्र में शाला प्रवेशोत्सव को गरिमा के साथ मनाये। पालकों के साथ स्थानीय जनप्रतिनिधियों, शाला प्रबंधन समिति तथा अन्य गणमान्य नागरिकों को भी आमंत्रित करें। इस दिन बालक-पालक सम्मेलन भी कराएं। स्कूल में बालक-पालक सम्मेलन नियमित रूप से आयोजित हो। शाला प्रबंधन समिति से बेहतर तालमेल बनायें। इसी प्रकार आश्रम छात्रावासों में भी समग्र प्रबंधन होना चाहिये। आवासीय संस्थाआें के अधिकारियों के साथ बैठक कर समस्या दूर करने का प्रयास करें। स्कूलों में किसी विषय के शिक्षक की कमी हो तो गांव के कुछ शिक्षित बेरोजगार युवा को प्रोत्साहन राशि देकर अध्यापन कार्य करा सकते हैं। इसके लिए ग्राम सभा एवं शाला प्रबंधन समिति से प्रस्ताव पारित करायें। स्कूल खुलने से पहले स्कूल परिसर की साफ-सफाई, कमरों की सफाई तथा रंग-रोगन कराएं। स्कूल में स्मार्ट वर्क कल्चर डेवलप करें। कमिश्नर ने स्कूल परिसर की जमीन के अतिक्रमण को मुक्त कराने के लिए नजरी नक्शा, साइट नक्शा तथा पंचनामा तैयार कर ग्राम सभा मे प्रस्ताव पारित कराने कहा। इसके साथ ही सभी स्कूलों में एक खेल का मैदान अवश्य हो इसके लिए भी जमीन चिन्हांकन कर ग्राम सभा मे प्रस्ताव पारित कराने कहा। उन्होंने पर्यावरणीय विकास के लिए सभी स्कूलों में फलदार एवं शोभादार पौधे लगाने के निर्देश दिये।

स्कूलों की होगी ग्रेडिंग- कमिश्नर ने स्वस्थ्य प्रतिस्पर्धा स्थापित करने के लिए प्राथमिक, पूर्व माध्यमिक, हाई स्कूल और हायर सेकेण्डरी स्कूलों का ग्रेडिंग करने के निर्देश दिए। ग्रेडिंग के लिए तिमाही व छः माही परीक्षा में साथ ही अन्य स्कूली गतिविधियों भी शामिल करें। जिला शिक्षा अधिकारी, विकासखंड शिक्षा अधिकारी, खण्ड स्रोत समन्वयक प्रतिदिन के कार्य का एक फ्रेमवर्क बनायेंगे जिसे अपने उच्च अधिकारी से अनुमोदन कराएंगे। शाला निरीक्षण के लिए जिला अधिकारी, विकासखंड स्तर के अधिकारी की ड्यूटी लगाई जाएगी। कमिश्नर ने कहा कि सभी शिक्षक डेली डायरी संधारित करें जिसमें प्रतिदिन के अध्यापन कार्य की प्रविष्टि करें। इसके साथ ही पूरे पाठ्यक्रम को साल भर में पूरा कराने समय-सारिणी भी बनाये।
बैठक में स्कूल शिक्षा विभाग के संयुक्त संचालक हेमंत उपाध्याय सहित संभाग के जिलों के जिला शिक्षा अधिकारी, विकासखंड शिक्षा अधिकारी, सहायक विकासखंड शिक्षा अधिकारी, खंड स्रोत समन्वयक, सहायक परियोजना अधिकारी उपस्थित थे।

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