RAIPUR NEWS पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय PTRSU में स्वामी विवेकानंद स्मृति तुलनात्मक धर्म, दर्शन एवं योग अध्ययनशाला के अंतर्गत स्थापित स्वामी विवेकानंद चेयर प्रोफेसर पद पर विज्ञान संकाय की पूर्व संकायाध्यक्ष, पूर्व अध्यक्ष मानवविज्ञान(एंथ्रोपोलॉजी) डॉ. मिताश्री मित्रा को बना दिया गया है . जिनका दर्शनशास्त्र व योग से दूर-दूर तक कोई सम्बन्ध नही है। इस प्रकार के अनैतिक नियुक्ति से जहां एक ओर विभाग के विद्यार्थियों को योग्य शिक्षक के अभाव में शिक्षा ग्रहण करना पड़ रहा है वही दूसरी ओर 35 से अधिक नेट व JRF पास विद्यार्थियों को शोध निर्देशक(गाइड) के लिए पूरे राज्यभर भटकना पड़ रहा है।
बता दे कि दर्शन व योग विषय मे शासकीय पी-एच.डी करने के लिए पं. रविशंकर शुक्ल विश्विद्यालय Pt. Ravi Shankar Shukla University ही अब एकमात्र स्थान है और ऐसे में दर्शन एवं योग विषय के पद पर अन्य विषय के शिक्षक को नियुक्त करना न सिर्फ विद्यार्थियों के प्रति अन्याय है बल्कि स्थापित विवेकानंद शोध पीठ के प्रति अन्याय है। सरकारें जहां एक ओर दर्शन एवं योग को बढ़ावा देने की बात करती है वही दूसरी ओर इस प्रकार की अनैतिक नियुक्ति से दर्शन एवम योग विभाग को बंद करने की तैयारी की जा रही है।
इस बात से हताहत दर्शन एवं योग विभाग के युवा, सभी युवाओं के प्रेरणास्त्रोत स्वामी विवेकानंद की स्मृति पर स्थापित शोध पीठ को न्याय दिलाने के लिए सड़कों पर उतर आए है। विद्यार्थियों ने अब न्याय की गुहार मानयीय राज्यपाल महोदया से लगाई है कि इस शोध पीठ पर दर्शन एवं योग विषय के शिक्षक जिहोने स्वामी विवेकानंद पर शोध कार्य भी किया हो, जिससे न सिर्फ विद्यार्थियों को उनकी कक्षाओं का लाभ मिलेगा अपितु विद्यार्थी उनके अंदर पीएचडी भी कर सकें।
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