रांची I झारखंड में सत्ता के साथी कांग्रेस और झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के बीच राज्यसभा चुनाव को लेकर दरार पड़ती दिख रही है। दिल्ली में पिछले दिनों कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात के बावजूद झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अकेले ही उम्मीदवार का ऐलान कर दिया है। उन्होंने पिता शिबू सोरेन की इच्छा के मुताबिक महुआ माजी को राज्यसभा के लिए उम्मीदवार की घोषणा कर दी है। कांग्रेस के लिए इसे बड़ा झटका माना ज रहा है। पार्टी ने कहा है कि मुख्यमंत्री का ऐलान सोनिया गांधी से हुई बातचीत से उलट है। ऐसे में गठबंधन के भविष्य को लेकर भी अटकलें लगने लगी हैं।
झारखंड कांग्रेस के प्रमुख राजेश ठाकुर ने कहा, ”यह झारखंड मुक्ति मोर्चा का फैसला है। हमने पार्टी हाई कमान को इससे अवगत कराया है। हमारे झारखंड प्रभारी कल आएंगे और तब हम बताएंगे कि हमारा स्टैंड क्या है। हम आगे क्या करेंगे।” उन्होंने यह भी माना कि कांग्रेस अध्यक्ष के साथ बातचीत के बावजूद हेमंत सोरेन ने एकतरफा फैसला लिया है। उन्होंने कहा, ”मुझे लगता है कि आज के फैसले और बातचीत (हेमंत सोरेन और सोनिया गांधी) में विरोधाभास है।”
क्या बोले सोरेन?
माजी के नाम की घोषणा मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने की, जो झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष भी हैं। सोरेन ने अपने आधिकारिक आवास पर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और अपने पिता, झामुमो प्रमुख शिबू सोरेन के साथ इस संबंध में चर्चा करने के बाद माजी का नाम तय किया।
साझा उम्मीदवार पर हुई थी बात
कांग्रेस और राजद झारखंड में सत्तारूढ़ गठबंधन के दो अन्य घटक हैं। माजी पहले झारखंड राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष थीं। वह झामुमो महिला इकाई की अध्यक्ष भी रह चुकी हैं। झामुमो नेता ने पूर्व में रांची विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा था लेकिन हार गई थीं। सोरेन ने रविवार को कहा था कि राज्य में सत्तारूढ़ गठबंधन राज्यसभा सीट के लिए एक संयुक्त उम्मीदवार खड़ा करेगा। मुख्यमंत्री ने हालांकि यह नहीं बताया था कि उम्मीदवार उनकी पार्टी का होगा या कांग्रेस का। भाजपा ने रविवार को आदित्य साहू को चुनाव के लिए अपना उम्मीदवार बनाया था। राज्यसभा की 57 सीटों के लिए 15 राज्यों में 10 जून को चुनाव होंगे।
[metaslider id="347522"]