बेमेतरा। पी.एम. केयर्स फार चिल्ड्रन स्कीम के संबंध में सोमवार को वर्चुअल मोड में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उक्त योजना अंतर्गत पात्र बच्चों को लाभ व सेवायें प्रदान की।
इस अवसर पर एन.आई.सी. बेमेतरा में जिला कलेक्टर विलास भोसकर संदीपान, अपर कलेक्टर डॉ. अनिल बाजपेयी, जिला कार्यक्रम अधिकारी बिद्याधर पटेल, बालक कल्याण समिति के सदस्यगण, जिला बाल संरक्षण अधिकारी व उनके अधीनस्थ अधिकारी/कर्मचारी के समक्ष जिला बेमेतरा में इस योजना अंतर्गत पी.एम. में दर्ज 2 बच्चियों को कलेक्टर ने पी.एम. केयर्स फार चिल्ड्रन स्कीम का पोस्ट ऑफिस पास बुक, 5 लाख रू. के मुफ्त उपचार के लिए आयुष्मान कार्ड, प्रधानमंत्री ने इन बच्चियों के नाम संबोधित पत्र तथा सर्टिकिफेट (स्नेह पत्र) प्रदान किया । बच्चों के लिए योजना 29 मई, 2021 को भारत के प्रधानमंत्री भारत सरकार ने प्रारम्भ की गई है। योजना क्रियान्वयन के लिए बच्चों के चिन्हांकन की समयावधि 11 मार्च, 2020 से शुरू होकर 28 फरवरी, तक थी। योजना का प्रमुख उद्देश्य उन बालकों को बालकों के सर्वोतम हित की रक्षा व संरक्षण प्रदान करना है जिन्होंने माता-पिता या कानूनी अभिभावक या दत्तक माता-पिता या जीवित माता-पिता दोनों को कोविड-19 महामारी के दौरान खो दिया है।
योजना का उद्देश्य बच्चों की व्यापक देखभाल और सुरक्षा सुनिश्चित करना और स्वास्थ्य बीमा के माध्यम से उनकी स्वास्थ्यगत समस्याओं कों निराकृत करना, शिक्षा के माध्यम से उन्हें सशक्त बनाना और उन्हें 23 वर्ष की आयु तक वित्तीय सहायता प्रदान करते हुए आत्मनिर्भर बनाना है।
इस योजना के संचालन हेतु जिला मजिस्ट्रेट द्वारा पुलिस, डीसीपीयू और नागरिक समाज संगठनों की मदद से बच्चों की पहचान की गयी।
चिन्हित बच्चों को बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) के समक्ष पेश किया गया। सीडब्ल्यूसी अपनी सिफारिशों के साथ जिला मजिस्ट्रेट के विचारार्थ बच्चों के विवरण के साथ पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन पोर्टल पर अपलोड किए गए माता-पिता की मृत्यु के कारणों का सत्यापन करने के बाद। आवश्कतानुसार जिला मजिस्ट्रेट ने चाइल्ड प्रोटेक्शन स्टाफ, पुलिस या किसी अन्य एजेंसी की सहायता से, सीडब्ल्यूसी द्वारा अनुशंसित या अनुशंसित नहीं किए गए प्रत्येक बच्चे के बारे में एक स्वतंत्र मूल्यांकन किया। जिला मजिस्ट्रेट ने लिया निर्णय अंतिम रूप से मान्य है।
इस योजनांतर्गत जिले के कुल 2 बालिकाओं का चयन किया गया। जिसकी एन्ट्री पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन पोर्टलः में की गयी है।
इस योजना की प्रमुख विशेषताएं इस प्रकार हैं-‘‘वित्तीय सहायता’’-प्रत्येक पहचाने गए बच्चे के खाते में एक आनुपातिक राशि इस प्रकार जमा की गई है कि प्रत्येक बच्चे के लिए 18 वर्ष की आयु प्राप्त करने के समय 10 लाख रुपये हो जाते हैं। 18 वर्ष से अधिक आयु के बच्चों के लिए डाकघर की मासिक आय योजना में 10 लाख रुपये जमा किए गए हैं। डाकघर की मासिक आय योजना में 10 लाख रुपये की राशि का निवेश करके 18 वर्ष की आयु प्राप्त करने के बाद बच्चों को मासिक छात्र वृत्ति प्राप्त होगी।
छात्रवृत्ति बच्चों के डाकघर बचत बैंक खातों में जमा किया जाएगा। 18 साल से ऊपर के बच्चों को 23 साल की उम्र तक छात्रवृत्ति प्रदान किया जाएगा। बच्चों को 23 वर्ष की आयु प्राप्त करने पर 10 लाख रुपये की एक मुश्त राशि प्राप्त होगी। भारत शासन के निर्देशानुसार 5 बच्चों को राज्य आपदा राहत कोष से बालकों को 50,000 रुपये प्रति माता-पिता के लिए अनुग्रह राशि प्रदान की गई है।
‘बोर्डिंग और लॉजिंग के लिए सहायता’-जिला मजिस्ट्रेटों ने सीडब्ल्यूसी की सहायता से बच्चे को उसके परिवार, रिश्तेदारों या रिश्तेदारों के बीच पुनर्वास के लिए कदम उठाए हैं। जिले के सभी 2 बच्चे अपने रिश्तेदारों के यहां रह रहे हैं। केंद्र या राज्य योजना के तहत गैर-संस्थागत देखभाल के लिए निर्धारित वित्तीय सहायता संबंधित योजना के तहत पात्रता के अनुसार बच्चों को प्रदान की गई है। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की बाल संरक्षण सेवा (सीपीएस) योजना (अब मिशन वात्सल्य) के तहत, रिश्तेदारों के साथ रहने वाले 2 बच्चों को 2000 रुपये प्रति माह स्पॉन्सरषिप योजना का लाभ दिया जा रहा है। जिसे संशोधित कर 4000 रुपये प्रति माह कर दिया गया है।
‘स्कूली शिक्षा के लिए सहायता’-चिन्हांकित 2 बालिकायें शासकीय विद्यालय में अध्ययनरत है। राज्य में संचालित योजना ‘महतारी दुलार योजना‘ अन्तर्गत बालकों के शिक्षा से जोड़ा गया है। जिसमें वार्शिक राशि 10 हजार रुपये 1 बालिका को दी गई। शेष एक बालिका कों शिक्षा विभाग (डीपीआई रायपुर) सें राशि भुगतान की कार्यवाहीं प्रक्रियाधीन है। सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय की योजना के तहत कक्षा पहली से बारहवीं के स्कूल जाने वाले बच्चों को 20,000 रुपये की छात्रवृत्ति प्रति वर्ष प्रदान किया जाना है। इस हेतु एक पृथक से बैंक खाता खोले गये है।
‘उच्च शिक्षा के लिए सहायता’-तकनीकी शिक्षा के लिए पात्र बच्चों को रुपये 50,000 प्रति बच्चा प्रति वर्ष की स्वानाथ छात्रवृत्ति का प्रावधान है। बच्चे कौशल प्रशिक्षण के लिए कर्मा छात्रवृत्ति से लाभांवित किये जाने का प्रावधान है। इन बच्चों के लिए पॉलिटेक्निक संस्थानों में 2 अतिरिक्त सीटें सृजित की गई हैं। इसी तरह यूजीसी द्वारा उच्च शिक्षा संस्थानों को इन बच्चों को समायोजित करने के लिए अतिरिक्त सीटें सृजित करने का निर्देश दिया गया है। भारत में व्यावसायिक पाठ्यक्रमों/उच्च शिक्षा के लिए शिक्षा ऋण प्राप्त करने में बच्चों की सहायता दिये जाने का प्रावधान है। शैक्षणिक ऋण पर ब्याज का भुगतान पीएम केयर्स द्वारा किया जाएगा।
‘स्वास्थ्य बीमा’-सभी 2 बच्चों को आयुष्मान भारत-प्रधान मंत्री जन आरोग्य योजना (पीएम-जेएवाई) के तहत रुपये 5 लाख प्रति वर्ष स्वास्थ्य बीमा कवर के साथ नामांकित किया गया है। 23 वर्ष की आयु तक इन बच्चों के लिए प्रीमियम राशि का भुगतान पीएम केयर्स ने किया जाएगा। 30 मई को बच्चों का स्वास्थ्य कार्ड (पीएम-जेएवाई कार्ड) का वितरण किया गया।
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